नई दिल्ली: भारत ने अपना सबसे अमूल्य रत्न आज खो दिया है. आज सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर कोरोना से जंग हार कर दुनिया को अलविदा कह गईं. आज उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली. लता जी के निधन पर 2 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शनों के लिए शिवाजी पार्क में रखी जाएगी. स्वर कोकिला, दीदी और ताई जैसे नामों से लोकप्रिय लता जी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. राजनीतिक दलों से लेकर बॉलीवुड से जुड़े दिग्गजों ने उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताया है.


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थम गया लता मंगेशकर के सुरों का कारवां, मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में ली आखिरी सांस


लाखों-करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करने वाली लता मंगेशकर का असली नाम बहुत से लोगों को नहीं पता होगा. उनके नाम से जुड़ी कहानी भी है. 


जन्म के समय रखा गया था ये नाम
28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मीं लता मंगेशकर का असली नाम लता नहीं था. जब वो पैदा हुईं तो उनके माता-पिता ने 'हेमा' नाम रखा था. इसके कुछ समय बाद उनके पिता के मशहूर नाटक 'भव बंधन' की मशहूर अदाकारा लतिका को लेकर उनका नाम लता रखा गया. लता मंगेशकर जी अपने माता-पिता की पहली संतान थीं. वह परिवार में सबसे बड़ी थीं.उनके बाद परिवार में मीना, आशा भोंसले, उषा और एकलौते भाई हृदयनाथ का आगमन हुआ. 


कला प्रेमी था मंगेशकर परिवार
लता मंगेशकर के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक थिएटर कलाकार और क्लासिकल सिंगर थे. उनकी माता का नाम शेवंती (शुधामति) था. सुधामति पंडित दीनानाथ मंगेशकर की दूसरी पत्नी थी. दीनानाथ मंगेशकर की पहली पत्नी लता मंगेशकर की मौसी थी, जिनका शादी के बाद जल्द ही निधन हो गया था और बाद में साल 1927 में उनकी शेवंती से शादी हुई. 13 साल की छोटी उम्र में 1942 से उन्होंने गाना शुरू कर दिया था.


मिला था भारत रत्न
स्वर कोकिला और भारत रत्न लता मंगेशकर को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया. इसके पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं.


लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं. 8 जनवरी को उन्हें कोरोना संक्रमित होने के बाद लता मंगेशकर को मुंबई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लता को कोरोना के साथ निमोनिया भी हुआ था. लता दीदी की उम्र को देखते हुए डॉक्टर्स ने उन्हें आईसीयू में एडमिट रखा था.


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