लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्वाति सिंह (Bike Rider Swati Singh) बुलेट रानी के नाम से मशहूर है. रोमांचक यात्राओं की शौकीन स्वाति अपनी उम्र से कई गुना ऊंचे पहाड़ों को पार कर चुकी हैं. पहाड़ों के संकरे रास्ते, ढलानों, बारिश-भूस्खलन के खतरों से बेपरवाह स्वाति के मन में हर वक्त नए रोमांच का जुनून रहता है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश लेकर जम्मू-कश्मीर के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में स्वाति बुलेट से अकेले धड़धड़ाते हुए सफर कर चुकी हैं. 


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छठी क्लास में पहली बार चलाई बाइक
दरअसल, स्वाति की बड़ी बहन को बाइक चलाना पसंद था. उन्हीं को देखकर उनके अंदर भी बाइक चलाने की इच्छा जागी. बचपन से ही स्वाति को मोटर साइकिल अच्छी लगती थी. छठी कक्षा में पहली बार उन्होंने अपने दोस्तों से धक्का लगवाकर बाइक चलाई थी. आज अपनी बाइक से वे बद्रीनाथ, केदारनाथ, तुंगनाथ, सिलीगुड़ी समेत देश के कई दुरस्थ इलाकों की यात्रा कर चुकी हैं. स्वाति को स्पोर्ट्स बाइक चलाने का भी शौक है.


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ट्रैवल एक्सपीरियंस के बारे में स्वाति ने बताया


स्वाति बताती हैं कि बाइकर्स कम्यूनिटी में उन्हें नव्या रघुवंशी के नाम से जाना जाता है. अपने ट्रैवल एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि जब वे सिलीगुड़ी की यात्रा पर गई थी तब किसी वजह से गूगल मैप ने काम करना बंद कर दिया था. इसके बाद उन्होंने ट्रैफिक पुलिस से लखनऊ का रास्ता पूछा तो वो हैरान रह गए और उन्हें 'बुलेट रानी' नाम दे दिया.


शिलांग के जंगल में बाइक चलाने के दौरान उनकी बाइक में आग लग गई थी. इसके बाद उन्होंने आग बुझाई और रात के नौ बजे बाइक को रिक्शे पर लादकर होटल पहुंचाया. अगले दिन बाइक ठीक कराई और गुवाहटी के लिए निकल गईं. यह उनका कभी न भूलने वाला अनुभव था.


स्वाति के पापा सरकारी विद्यालय में प्रधानाध्यापक और मां हाउस वाइफ हैं. स्वाति बताती हैं जब पहले ने किसी यात्रा पर निकलती थी तो घरवाले काफी चिंता करते थे. घर वाले उन्हें मना भी करते थे, मगर अब वे उनके साथ हैं.


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