अजीत सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी दवा की आपूर्ति में मनमानी करने वाली कंपनियों की खैर नहीं है. अब ऐसी कंपनियां ब्लैक लिस्ट की जाएंगी. दरअसल, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कार्पोरेशन का औचक निरीक्षण किया. इसी के साथ उन्होंने अस्पतालों में दवाओं की स्थिति को जाना. इस दौरान डिप्टी सीएम ने दवा की आपूर्ति में मनमानी करने वाली कंपनियों को काली सूची में डालने के निर्देश दिया है. वहीं, मंत्री को निरीक्षण के दौरान 15 कर्मचारी लेटलतीफ और कई बिना बताए गायब मिले. इन कर्मचारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है.


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दवा आपूर्ति में मनमानी करने वाली कंपनियों को करें ब्लैक लिस्ट:  ब्रजेश पाठक
आपको बता दें कि शुक्रवार को करीब दो बजे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक कार्पोरशन के ऑफिस पहुंचे. जहां उन्होंने दवाओं की स्थिति की जानकारी ली. अफसरों ने बताया कि इसेंसियल ड्रग लिस्ट (ईडीएल) में दर्ज 232 तरह की दवाएं अस्पतालों को आपूर्ति की जा रही हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ईडीएल की सूची में तो 289 प्रकार की दवाएं शामिल हैं। फिर इसमें कटौती क्यों? इस पर अधिकारियों ने बताया कि अभी बहुत सी दवाओं की आरसी नहीं हो पाई है. इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की. कहा, जल्द से जल्द इसे पूरा करें। इसमें किसी भी तरह की देरी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जो कंपनी दवा आपूर्ति नहीं कर रही हैं। उन्हें तत्काल काली सूची में डालें। ताकि भविष्य में दूसरी कंपनियां गड़बड़ी न करें.


स्टॉक की निगरानी करें
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि मरीजों को हर हाल में सभी दवाएं मिलनी चाहिए. इसलिए दवाओं का स्टॉक बना रहें. कंपनियों से समय पर दवा की आपूर्ति करने के लिए कहें. इसके अलावा सभी अधिकारी 75 जिलों में दवाओं का ब्यौरा रखें. प्रतिदिन प्रदेश के सभी ड्रग वेयरहाउस से दवाओं की खपत, डिमांड व स्टॉक की जानकारी लें. कारपोरेशन सीधे उनकी निगरानी करें. निरीक्षण के दौरान 15 कर्मचारी गायब मिली. कारपोरेशन के एमडी जगदीश त्रिपाठी को इन कर्मचारियों से स्पष्टीकारण मांगने के निर्देश दिए.