Lucknow University: लविवि के प्रोफेसर को स्टूडेंट ने मारा था थप्पड़, 3 महीने बाद हुआ निष्कासित
करीब तीन महीने पहले लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर को एक स्टूडेंट ने थप्पड़ मार दिया था. अब यूनिवर्सिटी ने एक्शन लेते हुए एमए सेकंड सेमेस्टर के छात्र कार्तिक पाण्डेय को निष्कासित कर दिया है.
Lucknow University Student Slapped Professor: करीब तीन महीने पहले लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर को एक स्टूडेंट ने थप्पड़ मार दिया था. अब यूनिवर्सिटी ने एक्शन लेते हुए एमए सेकंड सेमेस्टर के छात्र कार्तिक पाण्डेय को निष्कासित कर दिया है. इसको लेकर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विद्यानंद त्रिपाठी ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने कार्तिक पाण्डेय को निष्कासित कर दिया है, साथ ही उसे फ्यूचर में विश्वविद्यालय या किसी भी एफीलिएटेड कॉलेज में एडमिशन नहीं दिया जाएगा.
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तीन महीने पुराना है मामला
मालूम हो, बीते 18 मई को यूनिवर्सिटी में किसी बात के विरोध में प्रोटेस्ट चल रहा था. मामला कुछ यूं था कि काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद पर एक ऑनलाइन डिबेट के दौरान एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन ने टिप्पणी की थी, जिसको लेकर विरोध शुरू हो गया था. इसी दौरान एमए फर्स्ट ईयर के छात्र कार्तिक पाण्डेय ने अपने एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन को थप्पड़ मार दिया था. वहीं, आरोप है कि इससे पहले 10 मई को ही छात्रों के एक वर्ग ने रविकांत चंदन को घेर लिया और जान से मारने की धमकी दी. उस समय भी कैंपस में भारी हंगामा हुआ.
हाई कोर्ट किया था सवाल, यूनिवर्सिटी ने लिया क्या एक्शन
इसके एक हफ्ते बाद ही सेक्योरिटी गार्ड के सामने कार्तिक पाण्डेय ने कला संकाय भवन के सामने प्रोफेसर रविकांत चंदन को थप्पड़ जड़ दिया था. इसके बाद बात इलाहाबाद हाई कोर्ट तक पहुंची थी और फिर 11 जुलाई को लखनऊ बेंच ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से जवाब मांगा था कि घटना के संबंध में क्या कार्रवाई की गई है और कहां तक पहुंची है. यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. आलोक कुमार राय ने 31 जुलाई को कार्तिक को एक्सपेल कर दिया.
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टीचर्स एसोसिएशन इस फैसले से संतुष्ट
बताया जा रहा है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ने कुलपति के इस फैसले का स्वागत किया है. LUTA का कहना है कि एसोसिएशन विश्वविद्यालय के फैसले का समर्थन करता है और किसी भी छात्र को कभी भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए. वह भी एक टीचर के खिलाफ.
पीड़ित एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन की प्रतिक्रिया
बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी द्वारा अभी तक कोई एक्शन न लिए जाने से पीड़ित एसोसिएट प्रोफेसर चंदन नाराज थे. उनका कहना था कि विश्वविद्यालय उनके साथ अन्याय कर रहा है. हालांकि, अब कार्तिक पाण्डेय को निष्कासित किए जाने के बाद रविकांत चंदन ने कहा कि देर से सही लेकिन कार्रवाई हो गई. उन्हें इस बात की खुशी है. अब वह उम्मीद कर रहे हैं कि 10 मई को जान से मारने की धमकी देने वाले छात्रों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
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