Major Movie Review: मेजर संदीप उन्नीकृष्णन का किरदार निभा रहे साउथ के स्टार आदिवि शेष की यह पहली हिंदी फिल्म है. संवाद की बोली बदल सकती है लेकिन किरदार को जीने का जज्बा नहीं...जो फिल्म में आदिवी शेष ने अपने अभिनय साबित कर दिया है. मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की प्रेमिका और पत्नी का किरदार निभाया है साई मंजरेकर ने, जिन्हें हिंदी सिनेप्रेमी दबंग 3 में सलमान खान के साथ देख चुके हैं.
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Major Movie Review: ए सोल्जर इज ऑलवेज ए सोल्जर, चाहें कोई भी समय हो, या कोई भी जगह हो, एक सैनिक हमेशा सैनिक ही रहता है. उसका फर्ज होता है रक्षक की भूमिका निभाना. वो अपने देश, उसके सम्मान और उसके वासियों के लिए अपनी जान की बाजी लगाने से जरा भी नहीं हिचकिचाता.
देशभक्ति से सराबोर एक बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म .....मेजर रिलीज हो चुकी है सबसे पहले बात करते हैं फिल्म की कहानी की
'मेजर' की कहानी
यह फिल्म मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के जीवन पर आधारित है. जो 26/11 हमले में आतंकियों का मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे. फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह से मेजर उन्नीकृष्णन बचपन से ही खुद को एक सैनिक की वर्दी में देखना चाहते थे. एक सैनिक होना कितना जोखिमभरा होता है, यह जानकर उनके मां-बाबा भले ही उनके इस फैसले में कभी साथ नहीं थे, लेकिन संदीप उन्नीकृष्णन के लिए देश सेवा से बड़ा कुछ भी नहीं था. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक युवक अपनी पत्नी और माता-पिता से ज्यादा प्रेम अपने देश से करता है. एनएसजी में मेजर बनता है. वो कई मौकों पर अपने देश प्रेम और हौसले की मिसाल कायम करते हुए आखिर में ताज होटल हमले में शहीद हो जाता है. मेजर उन्नीकृष्णन ने उस वक्त किस बहादुरी से होटल में फंसे लोगों को आतंकियों से बचाया, इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
अभिनय और निर्देशन
मेजर संदीप उन्नीकृष्णन का किरदार निभा रहे साउथ के स्टार आदिवि शेष की यह पहली हिंदी फिल्म है. संवाद की बोली बदल सकती है लेकिन किरदार को जीने का जज्बा नहीं...जो फिल्म में आदिवी शेष ने अपने अभिनय साबित कर दिया है. मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की प्रेमिका और पत्नी का किरदार निभाया है साई मंजरेकर ने, जिन्हें हिंदी सिनेप्रेमी दबंग 3 में सलमान खान के साथ देख चुके हैं. फिल्म में के उन्नीकृष्णन संदीप उन्नीकृणनन के पिता का किरदार प्रकाश राज ने निभाया है. जो एक पिता- पुत्र की बॉन्डिंग को अपने अभिनय से धार देते नजर आए. कुल मिलाकर फिल्म के निर्देशक महेश बाबू अपनी पूरी टीम के साथ देश के लिए समर्पित एक सच्चे सैनिक की सच्ची कहानी को परदे पर जीवंत करने में कामयाब दिखते हैं.
म्यूजिक और सिनेमेटोग्राफी
फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक, सिनेमेटोग्राफीआदि भी अच्छे हैं. हालांकि शुरुआती घंटे की फिल्म थोड़ी धीमी नजर आती है, लेकिन उसके बाद फिल्म इस तरह से आपके दिलो दिमाग में उतरती है कि सिनेमा की लाइट्स ऑन होने के बाद ही आप अपनी सीट छोड़ेंगे.
फिल्म देखें या न देखें
फिल्म को ना देखने का सवाल ही नहीं उठता. हालांकि फिल्म में मारधाड़ है, खून-खराबा है, लेकिन परिवार के साथ इस फिल्म को जरूर देखना चाहिए, ताकि आपके बच्चे भी देशप्रेम की भावना को समझ सकें.
'मेजर' की समीक्षा रेटिंग - 4 अंक
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