यूपी सरकार उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, लखनऊ,कानपुर, गोरखपुर औऱ हापुड़ में फार्मा पार्क बनाएगी. इन फार्मा पार्क में अपनी यूनिट लगाने वाली कंपनियों को सरकार की ओर से भारी सब्सिडी दी जाएगी. कंपनियों को कुल लागत का 15 फीसदी तक स्टांप शुल्क छूट भी दी जा सकती है. इन फार्मा पार्क में मेडिकल उपकरणों और दवाओं को पूरे दक्षिण एशिया, यूरोप औऱ अमेरिका तक आपूर्ति की जाएगी. 


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मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि मौजूदा समय में मेडिकल इंडस्ट्री में रोजगार और उत्पादन के पबड़े अवसर है. उत्तर प्रदेश में 75 हजार से ज्यादा छात्र फार्मा यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं. वेस्ट यूपी और सेंट्रल यूपी में छोटी-बड़ी मेडिकल कंपनियां हैं, लेकिन कोई बड़ा मेडिकल प्रोडक्शन हब यूपी में नहीं है. चिकित्सा क्षेत्र में यूपी का सकल घरेलू उत्पाद के हिसाब से योगदान 2-3 अरब डॉलर ले जाने में यह मददगार होगा. यूपी में वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की मुहिम में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है. योगी आदित्यनाथ सरकार इसके लिए  फरवरी में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2023 में आयोजित कर रही है.


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सीएम योगी ने कहा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश यमुना एक्सप्रेसवे, मेरठ एक्सप्रेसवे समेत कई बड़े राजमार्गों के करीब है. लॉजिटिस्टक्स यहां बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकता है. 
माना जा रहा है कि मेडिकल हब की नींव रखे जाने से मेटल, केमिकल इंडस्ट्री, मशीनरी, कांच औऱ प्लास्टिक उद्योग में भी बेहतरी की संभावनाएं हैं. इससे लॉजिस्टिक, पैकेज इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा. नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के पास भी मेडिकल उपकरण पार्क बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा में जमीन भी चिन्हित की गई है.


गाजियाबाद,गोरखपुर, कानपुर, हापुड़ में भी ऐसा मेडिकल हब बनाने का काम जल्द शुरू हो सकता है. फार्मा पार्क में भूमि आवंटित कराने के लिए दवा कंपनियों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी ब्याज पर दी जा सकती है. पार्क के अंदर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम भी सरकार करेगी. माना जा रहा है कि मेडिकल हब के लिए 1700 एकड़ से ज्यादा भूमि की आवश्यकता होगी.


राज्य औऱ केंद्र के मेडिकल कॉलेजों और फार्मा यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी इससे लाभ मिलेगा. बी फार्मा, एम. फार्मा, मेडिकल रिप्रंजेटेटिव समेत विभिन्न प्रकार के मेडिकल कोर्स कर रहे छात्रों के लिए भी रोजगार की संभावनाएं भी खुलेंगे.