UP State Capital Region: दिल्ली के एनसीआर (NCR) क्षेत्र यानी नेशनल कैपिटल रीजन (LucknowState Capitol Region) की तर्ज पर यूपी के राजधानी लखनऊ के आसपास ही ऐसे ही विकास मॉडल को खड़ा करने की तैयारी तेज हो गई है.इसे यूपी के स्टेट कैपिटल रीजन यानी एससीआर के नाम से जाना जाएगा. यूपी एससीआर (UPSCR) के दायरे में 28 हजार वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र आएगा.
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Lucknow State Capitol Region approved in UP Cabinet : लखनऊ | दिल्ली के एनसीआर (NCR) क्षेत्र यानी नेशनल कैपिटल रीजन (UP State Capitol Region) की तर्ज पर यूपी के राजधानी लखनऊ के आसपास छह जिलों को मिलाकर विकास का नया मॉडल बनेगा. इसे यूपी के स्टेट कैपिटल रीजन यानी एससीआर के नाम से जाना जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में ये प्रस्ताव यूपी कैबिनेट से मंगलवार को पारित हो गया.इसमें सात जिले शामिल होंगे. लखनऊ, उन्नाव, बाराबंकी, रायबरेली, सीतापुर, कानपुर, कानपुर देहात जिलों को मिलाकर ये SCR बनेगा. यूपी एससीआर के दायरे में 28 हजार वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र आएगा.
देश में पहली बार ऐसी पहल
उत्तर प्रदेश के राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन की प्रक्रिया के साथ सरकारी प्रक्रिया में तेजी दिख रही है. देश में पहली बार किसी राज्य में स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) गठित हो रहा है.ईज आफ लिविंग के सभी मानकों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं इन क्षेत्रों में विकसित की जाएंगी.
1. विशेषज्ञों का कहना है कि स्टेट कैपिटल रीजन गठित होने से अनियोजित विकास रुकेगा. साथ ही राजधानी लखनऊ के इंफ्रास्ट्रक्चर पर जनसंख्या दबाव घटेगा.
2. लखनऊ के आस पास के 7 जिलों को मिलाकर ये स्टेट कैपिटल रीजन बनेगा. इन शहरों के बीच ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा
3.बसों और अन्य परिवहन सेवाओं को अपग्रेड करके कनेक्टिविटी बेहतर की जाएगी, ताकि रोजगार के लिए आसानी से एक से दूसरे जिले में जाया जा सके.
4. मेट्रो परियोजना के विस्तार की संभावनाएं तलाशने के साथ कानपुर और लखनऊ एयरपोर्ट को विकसित किया जाएगा.
5.विशेषज्ञों का कहना है कि SCR गठन से इस क्षेत्र में रीयल एस्टेट परियोजनाएं आएंगे. सड़क, पुल और अन्य ढांचागत सुविधाओं का विकास तेजी से होगा
6. इन जिलों में बिजली, पेयजल, सीवेज ट्रीटमेंट जैसी अन्य बुनियादी सुविधाओं का दायरा बढ़ेगा. पाइप लाइन से वाटर सप्लाई का दायरा बढ़ेगा.
7. इन क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ लॉजिस्टिक हब, कपड़ा, चमड़ा जैसे उद्योगों के स्पेशल इंडस्ट्रियल जोन को बेहतर बनाकर रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा. निजी कंपनियों का निवेश इससे बढ़ने की उम्मीद है.
दो समितियां गठित होंगी
पहली मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति होगी. एससीआर SCR योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए दो कमेटियां बनेंगी. एक समिति राज्य राजधानी क्षेत्र के लिए व्यवस्था मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगी .उच्च अधिकार प्राप्त समिति संबंधित सभी विभागों के एसीएस और प्रमुख सचिव शामिल होंगे
दूसरी में जिलों के अधिकारी भी शामिल
कार्यकारी समिति के नाम से दूसरी कमेटी गठित होगी ACS या प्रमुख सचिव आवास इसके अध्यक्ष होंगे. लखनऊ, कानपुर, अयोध्या मंडलायुक्त समेत सभी संबंधित जिलों के डीएम और वीसी इस समिति में होंगे