Monkeypox Alert in UP: मंकीपॉक्स को लेकर यूपी में अलर्ट, मरीजों के लिए कोविड अस्पतालों में बेड रिजर्व
Monkeypox Alert in UP: मंकीपॉक्स बीमारी की बढ़ती आशंका को देखते हुए UP के सीएम योगी ने अलर्ट जारी किया है. सीएम योगी के आदेश के बाद मंकीपॉक्स से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं..
विशाल सिंह/लखनऊ: मंकीपॉक्स (MonkeypoK) के मामले केरल के बाद अब दिल्ली (Delhi) तक पहुंच गए हैं. मंकीपॉक्स बीमारी की बढ़ती आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने अलर्ट जारी किया है. स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. विभाग ने इसे लेकर वैसी ही तैयारी की है जैसी कोविड को लेकर की थी. यूपी सरकार की ओर से मंकीपॉक्स को लेकर सर्विलांस प्रबंधन से जुड़े कई बिंदुओं पर प्रदेश के हर जिले में सर्विलांस इकाई बनाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.
मंकीपॉक्स से निपटने की तैयारी शुरू
सीएम योगी के आदेश के बाद मंकीपॉक्स से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं. राज्य और जिले स्तर पर तैयारियों मंकीपॉक्स के रोगियों के इलाज के लिए कोविड अस्पतालों में 10 बेड आरक्षित किए गए हैं. आवश्यकता पड़ने पर आरक्षित किए गए इन बेड को रोगियों के उपचार और आईसोलेशन करने में उपयोग किए जाएंगे.
जैसे अस्पतालों में बेड आरक्षित करना, कांटेक्ट ट्रेसिंग, RRT टीमों को अलर्ट. हालात को देखते हुए डीजी हेल्थ ने प्रदेश भर के चिकित्साधिकारियों को एडवाइजरी जारी की है. जिस तरह कोविड को लेकर जिलों में RRT टीम अलर्ट पर रही उसी तरह इसके लिए अलर्ट पर हैं. उनको कांटेक्ट ट्रेसिंग, सैंपल लेना और आइसोलेट करना वही सब काम करने के निर्देश हैं जैसे कोविड के समय थे.
क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण?
मंकीपॉक्स का मनुष्य से मनुष्य संचरण मुख्य रूप से सांस के जरिए होता है. इसके लिए लंबे समय तक निकट संपर्क की जरुरत होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ जैसी दिखती है. इससे कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर 2 से 4 हफ्ते तक दिखते हैं, जो अपने आप दूर होते चले जाते हैं. ये मामले गंभीर भी हो सकते हैं. वैसे अभी तक इस संक्रमण के वर्तमान प्रसार के दौरान कोई मौत का मामला सामने नहीं आया है. बता दें कि अफ्रीका के बाहर पहला मंकीपॉक्स का मामला (Monkeypox New Case) अमेरिका में दर्ज किया गया था. यह शरीर के तरल पदार्थ या घाव सामग्री के सीधे संपर्क के माध्यम से और घाव सामग्री के साथ अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है.
भारत सहित अब तक 75 देशों में वायरस की पुष्टि हो चुकी है. 16 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 5 लोगों की जान जा चुकी है. अकेले भारत में 4 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें 3 केरल में और एक मरीज दिल्ली में है. WHO ने मौजूदा हालात को देखते हुए ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दी है. दिल्ली में पहला केस आने के बाद से यूपी में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है.
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