मथुरा : हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब मथुरा में सिंचाई विभाग की जमीन को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराने का रास्ता साफ हो गया है. हाईकोर्ट ने 15 दिन के भीतर जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का आदेश दिया है. इस तरह यहां कब्जा कर बनाए गए 700 से अधिक घरों पर किसी भी वक्त बुलडोजर चल सकता है. हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद ही प्रशासन एक्शन में  है. गुरुवार को प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा भी लेकिन विरोध प्रदर्शन के बाद कार्रवाई नहीं की जा सकी. फिलहाल सीओ सिटी ने 15 लोगों की कमेटी गठित कर वार्ता के लिए बुलाया है. दरअसल अपर खंड आगरा कैनाल के अड़ींग के पास से मथुरा एक्सेप की निकासी हुई है. यह कृष्णानगर से होते हुए पोतरा कुंड तक जा रही है. केशोपुरा मनोहरपुर की जमीन से होकर गुजर रही मथुरा एक्सेप राजस्व अभिलेख में 35 फीट चौड़ी है. जल निगम ने एस्केप को घटाकर आठ फीट चौड़ा गंदा नाला दर्शाकर पक्का निर्माण करा दिया.


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एस्केप की जमीन पर गणेशरा के सामने की कॉलोनी, अशोका हाइट्स, संजय नगर, रानी गार्डन, बैंक कॉलोनी का क्षेत्र शामिल है. इसमें लगभग 700 मकान बने हैं. गुरुवार की सुबह एसडीएम सदर अजय जैन, इंजीनियर बचन सिंह, सीओ सिटी अभिषेक तिवारी पुलिस फोर्स के साथ जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचे. लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई की खबर लगते ही स्थानीय लोग वहां जमा हो गए. मामले में तनाव बढ़ता देख प्रशासन ने कमेटी गठित कर दी है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में हाईकोर्ट के आदेश से कमेटी को अवगत कराया जाएगा. 


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बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से अवैध कब्जे को लेकर कई बार लोगों को नोटिस दिया गया था. इसके विरोध में कुछ लोग हाईकोर्ट भी गए थे. हाईकोर्ट ने 22 फरवरी को सिंचाई विभाग की जमीन को 15 दिन में खाली करने के आदेश दिए थे. 3 मार्च को विभाग को हाईकोर्ट के आदेश प्राप्त हुए. अतिक्रमणकारियों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है.


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