माफिया मुख्तार अंसारी को अदालत से एक और झटका लगा है. जहां शनिवार को मऊ में मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी खारिज हुई थी. वहीं, लखनऊ में गैरकानूनी ढंग से जमीन कब्जा करने के मामले में दर्ज मुकदमे में भी लखनऊ की अपर एवं सत्र न्यायालय ने मुख्तार की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
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अजीत सिंह/लखनऊ: बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को अदालत से एक और झटका लगा है. जहां आज मऊ में मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी खारिज हुई थी. वहीं, लखनऊ में गैरकानूनी ढंग से जमीन कब्जा करने के मामले में दर्ज मुकदमे में भी लखनऊ की अपर एवं सत्र न्यायालय ने मुख्तार की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
लखनऊ जनपद न्यायालय में चल रहे 236/2020 के मामले में मुख्तार अंसारी के ऊपर गैर कानूनी ढंग से जमीन पर कब्जा करने का मामला चल रहा था. डाली बाग में भी अवैध निर्माण किया गया था, जिसे योगी सरकार ने गिराकर बुलडोजर चला दिया था. अपार एवं सत्र न्यायालय में शनिवार को मुख्तार अंसारी की तरफ से अधिवक्ता अरुण सिन्हा की तरफ से पैरवी की गई और अपना पक्ष रखा गया जबकि सरकारी अधिवक्ता आशीष अग्निहोत्री, अशोक त्रिपाठी, आशुतोष कुमार और नरेंद्र सिंह गौतम की तरफ से पक्ष रखा गया.
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मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता की तरफ से दलील दी गई और मुख्तार को निर्दोष बताकर जमानत की बात कही गई लेकिन सरकार की तरफ से अधिवक्ताओं ने मुख्तार अंसारी द्वारा जमीन कब्जा कराने और सत्र संपत्ति के मामले को सामने रखा. क्योंकि डाली बाग में जिस तरह शत्रु संपत्ति पर कब्जा करने का मामला था उसको लेकर योगी सरकार ने मुख्तार अंसारी पर बड़ी कार्रवाई की थी और उसकी बहुमंजिला इमारत को गिरा दिया था. जिसको लेकर यह मामला अपर एवं सत्र न्यायालय में चल रहा है.
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