यूपी सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गरीब बेटियों की शादी के लिए आर्थिक मदद देती है. अधिकांश लोगों को योजना के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती. ऐसे में वह योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं.
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Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana 2022 : हर किसी का सपना होता है कि उनकी बेटी को योग्य वर मिले, इसके लिए माता-पिता क्या-क्या नहीं करते. लाडली की शादी में मां-बाप अपनी हैसियत से ज्यादा खर्च करने की कोशिश करते हैं, मगर उन लोगों का क्या जिन्हें 2 वक्त की रोटी तक नसीब होती. उनके लाडो की शादी करना मानों किसी सपने के सच होने जैसा है. यकीनन उनका यह सपना यूपी सरकार सच कर रही है.
क्या है मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
यूपी सरकार प्रदेश की गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली और बीपीएल कार्ड धारक परिवार से संबंध रखने वाली बेटियों/विधवा महिलाओं/तलाकशुदा महिलाओं की शादी पर आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत पात्रता मानदंडों को पूरा करते हुए सामूहिक विवाह करने वाले प्रत्येक जोड़े की शादी पर प्रदेश सरकार द्वारा 51 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं.
35 हजार रुपये बैंक खाते में डाले जाते हैं
इसमें कन्या के बैंक खाते में 35 हजार रुपये हस्तांतरित किए जाते हैं. साथ ही 10 हजार रुपये की विवाह सामग्री वर-वधू को विवाह के समय पर दिया जाता है. इसके अलावा 6 हजार रुपये विवाह के आयोजन पर खर्च किए जाते हैं. बता दें कि पहले इस योजना के तहत प्रत्येक जोड़े के विवाह पर कुल मिलाकर 35 हजार रुपये खर्च किए जाते थे. इसमें 20 हजार बेटी के खाते में डाले जाते थे.
बाल विवाह और दहेज प्रथा खत्म करना सरकार की मंशा
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का ढांचा सामाजिक कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश के द्वारा तैयार किया गया है. प्रदेश सरकार द्वारा सितंबर 2022 तक निर्धारित लक्ष्य 15000 सामूहिक विवाह के सापेक्ष 15,268 जोड़ों की शादी पर 77.87 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. वहीं, योगी सरकार पिछले 5 वर्षों में करीब 2 लाख गरीब बेटियों की शादी करवा चुकी है. योगी सरकार की मंशा है कि इस योजना से बाल विवाह और दहेज जैसी कुरीतियों को समाप्त किया जा सके.
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