Mulayam Singh Yadav Death: समाजवादी पार्टी संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का सोमवार को 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया. बीते कई दिनों से नेताजी गुरुग्राम के मेदांता में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली. आज दोपहर तीन बजे नेताजी के पैतृक गांव सैफई (Saifai) में अंतिम संस्कार होना है. नेताजी भले ही इस दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन उनकी यादें हमेशा लोगों के जेहन में रहेंगी. उनका यूपी के इटावा या लखनऊ से ही नहीं बल्कि कानपुर देहात से भी खासा नाता रहा है.    


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मुलायम सिंह यादव के कहने पर बनवाया गया था कमरा 
कानपुर देहात के बारा जोड़ पर पहलवान ढाबा बना है. सन् 1983 से मुलायम सिंह यादव का इस ढाबे से नाता रहा है. ढाबा मालिक के बेटे मोहम्मद अच्छान ने बताया कि जब भी नेताजी इटावा से लखनऊ आते-जाते थे, तो ढाबे पर जरूर वक्त गुजारते थे. मुलायम सिंह यादव के कहने पर उनके लिए इस ढाबे में एक कमरे का निर्माण भी कराया गया था. जहां वह रुक कर आराम करते थे. उन्होंने बताया कि यह कमरा तब ही खुलता था जब नेता जी आते थे. 


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आखिरी बार बेटे प्रतीक की शादी के दौरान आए थे नेताजी
मोहम्मद अच्छान ने आगे बताया कि आखिरी बार सपा संरक्षक बेटे प्रतीक यादव की शादी से लौटते वक्त यहां आये थे. हालांकि, बीते 5-6 साल से उनका यहां आना-जाना कम था. ऐसे में हम लोग खुद लखनऊ उनसे मिलने जाते थे. उन्होंने बताया कि सोमवार को वह नेताजी के अंतिम दर्शन के लिए सैफई गए थे. वे हमेशा हमारी यादों में रहेंगे. 


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कानपुर से ही मिला था नेताजी का नाम 
बता दें कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को धरती पुत्र और भूमि पुत्र का नाम भी कानपुर में मिला था. उन्हें यह नाम उनके जिगरी दोस्त व पूर्व विधायक श्याम मिश्र ने दिया था. मुलायम सरकार के दौरान ही श्याम मिश्रा का निधन हुआ था. अपने जिगरी के निधन की खबर सुनते ही मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम दौड़े चले आए थे. 


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