यूपी के इस सिंघम को सलाम: चलवाते हैं बच्चों के लिए पाठशाला, लाइब्रेरी और क्रिकेट एकेडमी की कराई व्यवस्था
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यूपी के इस सिंघम को सलाम: चलवाते हैं बच्चों के लिए पाठशाला, लाइब्रेरी और क्रिकेट एकेडमी की कराई व्यवस्था

एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य यही है कि अगर पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए पुलिस मॉडर्न स्कूल की व्यवस्था है, तो जिले के किसी भी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं होनी चाहिए. इसका पूरा प्रयास किया गया है.

यूपी के इस सिंघम को सलाम: चलवाते हैं बच्चों के लिए पाठशाला, लाइब्रेरी और क्रिकेट एकेडमी की कराई व्यवस्था

नीरज त्यागी/मुजफ्फरनगर: आपने कई पुलिस अधिकारियों के किस्से कहानियां पढ़े होंगे, लेकिन आज हम आपको यूपी के एक ऐसे एसएसपी के बारे में बता रहे हैं, जिनकी बात ही निराली है. ऐसा इसलिए क्योंकि वह बच्चों की पाठशाला भी चलवाते हैं और उन्होंने बच्चों के लिए लाईब्रेरी, साइबर सेल और क्रिकेट एकेडमी जैसी तमाम व्यवस्थाओं का इंतजाम भी किया है. हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एसएसपी के पद पर तैनात अभिषेक यादव की. 

वह समय समय पर अपनी पुलिस और उनके परिजनों को कई सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं. इसी क्रम में शनिवार को जिले की पुलिस लाइन में एसएसपी अभिषेक यादव द्वारा बच्चों के स्कूल का नवीनीकरण कराकर उसे मॉडर्न सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.

विभाग और जनता को उपलब्ध कराई विशेष सुविधाएं  
बता दें कि मुजफ्फरनगर जनपद में अपने तीन साल के कार्यकाल में एसएसपी अभिषेक यादव ने पुलिस कैफे, जिम, लाईब्रेरी, पुलिस कर्मियों के लिए आदर्श बैरक, बच्चों के लिए क्रिकेट एकेडमी का निर्माण और साइबर सेल खुलवा कर अपने विभाग और जनता को विशेष सुविधा उपलब्ध कराई है.

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नवीनीकरण के बाद स्कूल का हुआ उद्घाटन
नवीनीकरण के बाद आज पुलिस लाइन में बच्चों के इस मॉडर्न स्कूल का उद्धाटन महिला आरक्षी सोनिया सिंह की 3 वर्षीय पुत्री अनाया सिंह द्वारा कराया गया. अनाया सिंह पुलिस मॉडर्न स्कूल में पढ़ती है.

पुलिस मॉडर्न स्कूल की मुख्य विशेषताएं
बिल्डिंग अपडेट
पुलिस मॉर्डन स्कूल की बिल्डिंग को अपडेट किया गया है. जिसमें मुख्यतः नए रूम बनाए गए हैं. शौचालयों को सभी मॉर्डन सुविधाओं से लैस किया गया है. साथ ही खिड़कियों और दरवाजों को बदला गया है और नई टाइल्स लगाई गई हैं. 

टीचिंग स्टाफ
वर्तमान में पुलिस मॉर्डन स्कूल में प्रशिक्षित टीचिंग स्टाफ को नियुक्त किया गया है. जिनकी नियुक्ति उच्चाधिकारियों द्वारा साक्षात्कार के उपरांत की गई है.

आधुनिक फर्नीचर
पुलिस मॉर्डन स्कूल में पुराने फर्नीचर को बदला गया है. क्लास रूम, लाईब्रेरी, कम्प्यूटर लैब और अन्य स्थानों पर आधुनिक फर्नीचर लगाए गए हैं.

PA सिस्टम
सम्पूर्ण स्कूल के क्लास रूम, ऑफिस, लाईब्रेरी, लैब, एक्टीविटी रूम सहित सभी स्थानों को PA सिस्टम से जोड़ा गया है.

लाईब्रेरी
बच्चों के लिए आधुनिक लाईब्रेरी बनाई गई है, जिसमें उनके लिए सभी उपयोगी किताबें मौजूद हैं. 

कम्प्यूटर लेब
यह पूर्णतः वातानूकूलित है जिसमें कुल 10 कम्प्यूटर सिस्टम लगाए गए हैं, जो इंटरनेट से कनेक्टेड हैं. 

एक्टिविटी रूम
बच्चों को भिन्न-भिन्न तरीके की एक्टिविटी कराकर उन्हें सिखाने व आईक्यू बढाने के उद्देश्य से एक्टिविटी रूम बनाया गया है.

पार्क
पार्क का नवीनीकरण कराते हुए उसमें बच्चों के खेलने के लिए झूले और बेडमिंटन कोर्ट स्थापित किए गए हैं.

शिशुगृह (Creche) 
इसमें छोटे बच्चों के मनोरंजन के लिए खिलौने, साफ्ट टॉय, इनडोर झूले रखे गए हैं. 

अन्य बच्चे भी यहां पढ़ सकते हैंः एसएसपी अभिषेक यादव
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि ये पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए है,  लेकिन इसके अलावा अन्य बच्चे भी यहां पढ़ सकते हैं. मुजफ्फरनगर में पुलिस मॉडर्न स्कूल मौजूद है. वह काफी समय से चल रहा था, लेकिन उसकी हालत में काफी सुधार के आवश्यकता थी. 

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स्कूल में पिछले 10,12 साल में कोई काम नहीं हुआ थाः  एसएसपी
एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि क्लासरूम के अलावा यहां अन्य व्यवस्थाएं नहीं थीं जैसे एक स्कूल में होना चाहिए. इसलिए नवीनीकरण कराया गया है. सभी क्लासरूमों को भी ठीक कराया गया है. लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब और छोटे बच्चों के लिए क्रेच ऐड किया गया है. फैकल्टीज के लिए क्लासरूम, स्टाफ रूम, प्रिंसिपल रूम ऐड किया गया है.  ये सब व्यवस्थाएं पहले नहीं थी. पिछले 10,12 साल में कोई काम नहीं हुआ था. 

मॉडर्न स्कूल जिले के किसी भी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं होः एसएसपी
एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य यही है कि अगर पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए पुलिस मॉडर्न स्कूल की व्यवस्था है, तो जिले के किसी भी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं होनी चाहिए. इसका पूरा प्रयास किया गया है. प्रोटेक्शन कमेटी द्वारा वर्तमान में 10 टीचरों को भी भर्ती किया गया है. ताकि हम यहां शिक्षा का स्तर और बेहतर कर सकें. लाइब्रेरी का उद्घाटन कराया गया है, ताकि बच्चों को विश्व स्तर की किताबें पढ़ने के लिए मिल सके. कंप्यूटर लैब का उद्घाटन कराया गया है. ताकि इंटरनेट की आवश्यकता है तो बच्चों को तुरंत मिल सके.

पुलिसकर्मी की बेसिक सुविधाएं ऑफिसर से कम नहीं होनी चाहिएः एसएसपी
एसएसपी ने बताया कि कुछ लोग अपने परिवार से दूर रहते हैं और कुछ लोग परिवार के साथ रहते हैं. पुलिसकर्मी बड़ी टफ जॉब करते हैं. 12-12 घंटे की ड्यूटी होती है, तो बहुत समस्याएं होती हैं. वीआईपी लॉ एंड ऑर्डर की ड्युटी में तो 12, 24 और 48 घंटे भी लग जाते हैं. इसलिए हमारा प्रयास रहता है कि पुलिसकर्मी व उनके परिवार की बेसिक सुविधाएं किसी ऑफिसर से कम नहीं होनी चाहिए.

एसएसपी ने कहा कि हम लोग ऑफिसर क्लब की बात करते हैं, ऑफिसर की फैसिलिटी की बात करते हैं. चाहे वो पुलिस हो, डिफेंस हो या आर्मी हो. उद्देश्य यही है कि उत्तर प्रदेश के हर पुलिस कांस्टेबल के लिए बेहतर व्यवस्था हो. वर्तमान में हम इन चीजों को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. आगे भी कुछ चीजें हैं जो पुलिसकर्मियों के लिए जरूरी है, उस पर भी काम चल रहा है.

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