अजीत सिंह/लखनऊ: योगी सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में जहां तीन जिलों में कमिश्नरेट सिस्टम लागू कर दिया. वहीं दूसरी तरफ सीतापुर में श्री नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस प्रस्ताव के बाद नैमिषारण्य क्षेत्र के चौमुखी विकास को गति मिलने की उम्मीद है. यहां सड़क, इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर पर्यटन तक हर क्षेत्र में विकास होगा. बताया जा रहा है जिस तरह अयोध्या तीर्थ विकास परिषद और ब्रज तीर्थ विकास परिषद के जरिए अयोध्या और मथुरा के विकास को गति मिल रही है  उसी तरह अब नैमिषारण्य का विकास होगा.


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नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश की कैबिनेट ने शुक्रवार मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने श्री नैमिषारण्य  तीर्थ विकास परिषद बोर्ड का गठन कर दिया है. इसे आने वाले विधानसभा सत्र में पेश करके पारित करा लिया जाएगा. इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद यहां पर्यटन के क्षेत्र में रिवरफ्रंट के साथ धार्मिक मंदिरों का विकास, सड़कें, बिजली और पानी हर क्षेत्र में काम किया जाएगा. इससे इस पूरे क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा. इसके गठन के बाद नैमिषारण्य क्षेत्र में आने वाले मंदिरों जीर्णोद्धार कार्य तेज रफ्तार से बढ़ेगा. 


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कई गांव शामिल
यहां विकास कार्यों को गति देने के लिए लोक निर्माण विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग और धर्मार्थ कार्य विभाग के बीच समन्वय बढ़ाया जाएगा. नैमिषारण्य के अंतर्गत सीतापुर के 36 गांव शामिल हैं, जिसका क्षेत्रफल 8511.284 हेक्टेयर है और जिसमें ग्यारह गंतव्य स्थान शामिल है. इसमें से सात गंतव्य स्थान सीतापुर जनपद के तहत आते हैं और चार जिला हरदोई के अधीन आते हैं. सम्पूर्ण परिपथ 209 मील अथवा 84 कोस का है.