विनोद कांडपाल/हल्द्वानी: नैनीताल जिले के लाल कुआं बिंदुखत्ता क्षेत्र में भारी बारिश से आई आपदा ने लोगों को गहरे जख्म दिए हैं. बिंदुखत्ता के इंदिरा नगर में 2 दिन लगातार हुई मूसलाधार बरसात में 5 मकान गौला नदी के रौद्र रूप में समा गए, जबकि 5 परिवारों की करीब 25 से 30 बीघा जमीन गौला नदी में बह गई. गौला नदी के किनारे-किनारे लगातार भू-कटाव हो रहा है, जिससे कई और परिवार भूस्खलन की जद में आ गए हैं. लेकिन, जिन लोगों के आशियाने गौला नदी में समा गए, उनको सहारा दिया है समाजसेवी संध्या डालाकोटी ने. 


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ताश के पत्तों की तरह ढह गए आशियाने
भू-कटाव और भूस्खलन की ये तस्वीरें लालकुआं बिंदुखत्ता क्षेत्र की हैं. यहां 5 मकान गौला नदी के उफ़ान पर आने से भूस्खलन के चलते ताश के पत्तों की तरह ढह गए. लोग बेघर हो गए. किसी ने रिश्तेदारों के घर शरण ली तो किसी ने सरकारी इंतजामों का इंतजार किया. आंखों में आंसू के सिवाय कुछ नहीं बचा. जब भी आशियाने की याद आती, तो आंखें छलक आतीं. इतने बुरे हालात के बीच समाजसेवी और महिला संध्या डालाकोटी और उनके पति किरण ने उन 5 परिवारों को अपनी निजी भूमि में से 500 स्क्वॉयर फीट ज़मीन प्रति परिवार को देने की बात कही है. अब उम्मीद है कि जल्द ही सरकार उनकी मदद करेगी.


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जनप्रतिनिधियों से मदद की उम्मीद
पीड़ित तुलसी देवी बताती हैं कि गौला नदी का रौद्र रूप पिछले कई सालों से बिंदुखत्ता की जनता पर कहर बनकर टूट रहा है. कई बार जनप्रतिनिधियों से मिले, लेकिन सिवाय वादों के कुछ नहीं मिला. अब आशियाना बह गया तो रिश्तेदारों के यहां शरण ली. आगे क्या होगा कुछ नहीं पता.


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