Navratri 2021: अयोध्या में है देवी का ऐसा मंदिर, जहां दर्शन मात्र से मुकदमों से मिल जाती है मुक्ति
अयोध्या की नगर देवी के रूप में जाने जानी वाली मां जालपा देवी मंदिर को बंदी देवी के रूप में भी जाना जाता है. मान्यता है कि यदि कोई किसी बंधन में फंसा हुआ है. तो मां के चरणों में खुद को समर्पित कर दे...
अयोध्या: शारदीय नवरात्रि में देवी की आराधना की जाती है. ऐसे में शक्ति और सिद्धिपीठ पर देवी के भक्तों का तांता लगा हुआ. अयोध्या का जालपा देवी मंदिर अति प्राचीन सिद्धि शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. मान्यता है कि यहां मां के चरण गिरे थे और यही वजह है कि आज भी यहां पिंड के स्वरूप के ऊपर चरण मौजूद हैं. हालांकि, इसका कोई उल्लेख नहीं मिलता है. यह मंदिर राम जन्मभूमि से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां पर मां दुर्गा की छोटी प्रतिमा और मां के चरण विराजमान हैं. नवरात्रि में देवी भक्त मां का दर्शन करने दूर दराज से आते हैं, जिनकी सभी मनोकामनाओं को मां पूर्ण करती हैं.
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बंधनों से मुक्त कराती हैं मां जालपा देवी
अयोध्या की नगर देवी के रूप में जाने जानी वाली मां जालपा देवी मंदिर को बंदी देवी के रूप में भी जाना जाता है. मान्यता है कि यदि कोई किसी बंधन में फंसा हुआ है. तो मां के चरणों में खुद को समर्पित कर दे. मां खुद भक्त कों सभी बंधनों से मुक्त करा देती है. यदि कोई कोर्ट और कचहरी से परेशान है, तो मां बंदी देवी जालपा मंदिर में प्रार्थना करने से हाजिरी लगाने से उसको सभी प्रकार के मुकदमों से मुक्ति मिलती है. यही नहीं, मान्यता यह भी है कि माँ के सामने हाजिरी लगाने से फांसी की सजा तक माफ होती है.
मंगलवार को खुद बजरंगबली आते हैं दर्शन करने
जो लोग बंधन में बंधे होते हैं, उनको भी मां के दर्शन से मुक्ति मिल जाती है. मां जालपा देवी मंदिर में आम मंदिरों की अपेक्षा मंगलवार के दिन देवी भक्तों की खासा भीड़ रहती है. कहा जाता है कि खुद भगवान हनुमान जी मंगलवार के दिन मां के दर्शन करने के लिए आते हैं. अनादि काल से इनकी मान्यता है.
नई बहू कोई भी कार्य शुरू करने से पहले करती है मां के दर्शन
मां जालपा देवी मंदिर में नवरात्रि के दिन भोर 4 बजे से देवी भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां की एक विशेषता और है कि कोई भी देवी भक्त मंदिर के गर्भ गृह में जाकर मां का दर्शन और पूजन कर सकता है. बंदी देवी जालपा मंदिर में दर्शन करने आई गीता अग्रवाल का कहना है कि यहां पर कोई भी मान्यता मांगे वह पूरी होती है. उसके लिए आपको यहां पर चुनरी में गांठ लगाकर मन्नत मांगनी होगी. देवी भक्त कंचन आचार्य का कहना है कि जब घर में नई नवेली बहू आती है, तो सबसे पहले जालपा मंदिर में मां के सामने बहू शीश नवाये, यह रिवाज है. मां के दर्शन के बाद ही बहू घर में कोई कार्य आरंभ करती है.
झूठे मुकदमों से मिलती है निजाद
देवी का दर्शन करने आई मीनाक्षी का कहना है कि यदि कोई कर्ज में डूबा हुआ है और आर्थिक रूप से परेशान है तो वह जालपा मंदिर आकर मां के सामने अरदास लगाते हैं. उसको कर्ज से मुक्ति मिलती है. देवी मां के प्रतिदिन दर्शन करने आने वाली डॉ. स्वाति कहती हैं कि वे भक्त जिनका विवाह नहीं हो रहा है, जिनको झूठे मुकदमे में परेशान किया जाता है, वह मां से प्राथना करें तो उनको उन झूठे केसेस से मुक्ति मिल जाती है.
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