नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा से पुलिस की बड़ी कार्रवाई सामने आई है. यहां पुलिस के आलाधिकरियों ने 2021 के एक सांप्रदायिक हमले के मामले में लापरवाही के चलते चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. दरअसल, पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के 18 महीने बाद मुकदमा दर्ज हुआ है. सीपी नोएडा लक्ष्मी सिंह ने कार्यवाही करते हुए तत्कालीन एसएचओ, तत्कालीन चौकी इंचार्ज और 02 आरक्षियों को निलंबित किया है.


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यह है पूरा मामला
मामला 4 जुलाई 2021 का है. यहां दिल्ली के जाकिर नगर निवासी कजीम अहमद अलीगढ़ जाने के लिए निकले. सुबह लगभग 8 बजे वे नोएडा के सेक्टर-37 बस स्टैंड पहुंचकर बस का इंतजार कर रहे थे. इसी दौरान वहां एक सफेद रंग की कार आकर वहां रुकी, ड्राइवर ने उनसे अलीगढ़ चलने के लिए पूछा. इसके बाद वे गाड़ी में बैठ गए, कार में पहले से तीन लोग मौजूद थे. इस दौरान कजीम का आरोप है कि रास्ते में कार सवार युवकों ने उनके साथ मारपाट की. उन पर लात और कोहनी से हमला किया गया, उनका गला घोंटने का प्रयास किया गया, साथ ही उनकी आंख फोड़ने की भी कोशिश की गई.


कजीम का कहना है कि वे रहम की भीख मांगते रहे, लेकिन युवक नहीं माने. यह पूरा घटनाक्रम करीब 15 से 20 मिनट तर चलता रहा. इसके बाद उन्हें अधमरा कर सेक्टर-37 से लगभग 4 किलोमीटर दूर कार से धक्का देकर हमलावर फरार हो गए. इसके बाद नोएडा सेक्टर 37 पुलिस चौकी पहुंचकर उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई. कजीम के अनुसार उनके ऊपर सांप्रदायिक हमला किया गया था.


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इसके बाद काजिम दिल्ली के जामिया नगर में रहने वाली अपनी भांजी के पास गए. काजिम की भांजी पेशे से डॉक्टर हैं, उन्होंने घर पर ही अपने मामा का इलाज किया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले का संज्ञान लेने के बाद 15 जनवरी को मुकदमा दर्ज किया गया.


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