चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, एमपी एमएलए कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने चिन्मयानंद को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. 2011 में स्वामी चिन्मयानंद की शिष्या ने उन पर बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया था.
शिवकुमार/शाहजहांपुर: पूर्व केंद्रीयगृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की मुसकिले एक बार फिर से बढ़ गई है. शिष्या के साथ दुष्कर्म के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ गुरुवार को गैर जमानती वारंट जारी किया है. लगातार कोर्ट की तारीखों पर गैरहाजिर होने पर यह कार्रवाई की गई है. कोर्ट ने चिन्मयानंद को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. दरअसल 2011 में स्वामी चिन्मयानंद की शिष्या ने उन पर बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया था. दुष्कर्म का मामला एमपीएमएलए कोर्ट में चल रहा था. कोर्ट ने पेश होने के लिए सम्मन भेजे थे. लेकिन लगातार कोर्ट में पेश ना होने पर एमपी एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.
कोर्ट में पेश ना होने पर पहले भी चिन्मयानंद के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया था लेकिन कोर्ट में पेश नहीं हुए. पहले उनके वकीलों ने प्रार्थना पत्र देकर एनबीडब्ल्यू खारिज करने की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया.
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गुरुवार एमपी एमएलए कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक और संबंधित थाना अध्यक्ष की मौजूदगी में उन्हें 9 दिसंबर 2022 को पुलिस कस्टडी में हाजिर होने के आदेश दिए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि स्वामी चिन्मयानंद की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी अपील खारिज करते हुए स्थानीय न्यायालय में 30 नवंबर तक उपस्थित होने का आदेश दिया था. समय बीतने के बाद भी चिन्मयानंद कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए हैं. एक दिसंबर को एमपीएमएल कोर्ट/एसीजेएम तृतीय में मामले की तारीख लगी थी. चिन्मयानंद के अधिवक्ता के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय ने चिन्मयानंद को 30 नवंबर तक का समय सरेंडर के लिए दिया था. न्याय प्रणाली पर हमारा पूरा भरोसा है. न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुए आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.