Parakram Diwas 2023:  भारतीय स्वतंत्रता के महानायक और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती (Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti) है. इस विशेष दिन को पराक्रम दिवस (Parakram Diwas 2023) के रूप में मनाया जाएगा. बोस आजादी के उन महानायकों में से एक हैं,जो किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान 'जय हिंद' से लेकर 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा' जैसे नारे आज भी लोगों को जोश से भर देते हैं. आइए जानते हैं उनके नारों और प्रेरक विचारों के बारे में.


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'नेताजी' के प्रेरक विचार
- सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है. इसलिए इससे कभी भी घबराना नहीं चाहिए. 
- आजादी दी नहीं जाती, ली जाती है. 
- जिसके अंदर 'सनक' नहीं होती, वह कभी भी महान नहीं बन सकता. 
- अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है.
- अगर कभी झुकना की आन पड़े तो भी वीरों के सामने ही झुकना.
- अगर जीवन में संघर्ष और किसी भय का सामना ही ना करना पड़े तो जीवन का स्वाद आधा रह जाता है.
- सफलता मिलने में देर हो सकती है लेकिन वह मिलती जरूर है. 
- मेरे पास एक लक्ष्य है,जिसे मुझे हर हाल में पूरा करना है.मेरा जन्म उसी के लिए हुआ है, मुझे किसी नैतिक विचारों की धारा में नहीं बहना.
-  संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमें आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ जो पहले मेरे अंदर नहीं था. 
-  सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है. 
-  ये हमारा कर्तव्य है कि हम स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं. हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आजादी मिले, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए. 


पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है जन्मदिवस
सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था. उनको 'नेताजी' के नाम से भी जाना जाता है. असहयोग आंदोलन से लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के वह एक प्रसिद्ध नेता के तौर पर पहचाने जाते थे. अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में उनके राष्ट्रवादी विचारों और आक्रमक नीति ने नेताजी को भारतीयों के बीच नायक बना दिया. उनके जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है.