कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद की किताब 'सनराइज़ ओवर अयोध्या' ने राजनैतिक गलियारों की फिजाओं को गर्म कर रखा है. उसमें लिखीं बातों पर सभी ओर चर्चा हो रही है और विवादों की नई लहर उठ रही है. हम आपको उनकी उस किताब के चंंद पेज जस के तस पेश कर रहे हैं, जिनमें ये विवादित बातें लिखी हुई हैं. डालिए एक नजर-
ये हैं इस किताब का मुख्य पृष्ठ जिस अयोध्या का ही एक चित्र छपा है. यहां की प्राचीन मंदिरों की इमारतों के ऊपर से उगते हुए सूर्य का दृश्य इसमें दिख रहा है . और वहीं किताब का शीर्षक लिखा है, 'सनराइज़ ओवर अयोध्या'.
सलमान खुर्शीद की लिखी जिन पंक्तियों पर सबसे ज्यादा हंगामा मचा हुआ है, वे इस पेज पर देखी जा सकती है. इनमें लिखा है कि- "भारत के जिस सनातन धर्म और मूल हिंदुत्व की हम बात करते आए हैं, वह भारत के साधु-संत के नाम से पहचाना जाता है और आज उस पहचान को हम कट्टर हिंदुत्व के बल पर दरकिनार कर रहे हैं. वर्तमान समय में हिंदुत्व का एक ऐसा राजनीतिक संस्करण ला दिया गया है, जो इस्लामी जिहादी संगठनों आईएसआईएस और बोको हराम जैसा है."
किताब का एक और विवादित पन्ना देखिए- इसमें उन्होंने राममंदिर पर आए फैसले पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि अंत में निश्चित रूप से मस्जिद के मालिकाना के हक को संदिग्ध माना गया है, क्योंकि दूसरे पक्ष ने समय-समय पर इसमें घुसपैठ करने और कब्जा करने का प्रयास किया है, और मुझे यह लगता है कि यह सब दुखद है और एक ही धारणा सामने रखता है कि गलत करने वाले को आम तौर पर फायदा होता है.
बुक के एक पेज पर सलमान खुर्शीद ने केंद्र सरकार के मंसूबों पर प्रश्न उठाते हुए लिखा है कि संवैधानिक पीठ ने बहुमत से दिए गए फैसले में साफ-साफ कहा था कि तीन तलाक का इस्लाम में कोई स्थान नहीं है, और यह कानून सम्मत भी नहीं है, इसके बावजूद सरकार तीन तलाक को अमान्य करने के लिए कानून लाई और इसे अपराध बना दिया.
यह इस किताब का आखिर पेज है जिस पर लेखन, अध्यापन से जुडे तीन विद्वानों के इस किताब के बारे में कोट प्रकाशित किए गए हैं.