Krishna Janmashtami Photos: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस बार कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर काफी कन्फ्यूजन है. कुछ लोग 18 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे, वहीं कुछ लोग 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाने की बात कर रहे हैं. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, भादो मास की अष्टमी तिथि 18 अगस्त की रात 9 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और 19 अगस्त की रात 10 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी.
भगवान श्रीकृष्ण गले में कमल के बीजों से बनी वैजयंती माला धारण करते हैं. दरअसल, कमल के बीज सख्त होते हैं. ना तो कभी टूटते हैं ना ही सड़ते हैं. मान्यता है कि वैजयंती माला में माता लक्ष्मी का वास होता है. वैजयंती माला घर लाने से घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
भगवान श्रीकृष्ण को माखन बहुत पसंद था. बचपन में वह माखन चुराकर खाते थे, इसलिए उनका नाम माखनचोर पड़ा. ऐसे में जनमाष्टमी के मौके पर कान्हा को माखन-मिश्री का भोग जरूर लगाएं. इससे श्रीकृष्ण प्रसन्न होंगे और आशीर्वाद देंगे.
भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी कितनी प्रिय है, यह सभी जानते हैं. बांसुरी प्रिय होने के चलते ही उनका नाम बंशीधर है. जन्माष्टमी के दिन लकड़ी या चांदी की छोटी सी बांसुरी जरूर घर ले आएं. पूजा के दौरान श्रीकृष्ण को चढ़ाएं. इसके बाद बांसुरी को तिजोरी में रख दें. इससे मां लक्ष्मी की कृपा बरसती रहेगी.
भगवान श्रीकृष्ण गौ सेवा के अन्नय प्रेमी थे. आपने गायों और श्रीकृष्ण की कथाएं भी जरूर सुनी होंगी. शास्त्रों के अनुसार, गौ माता में गुरु ग्रह का वास होता है. ऐसे में जन्माष्टमी के पर्व पर गाय और बछड़े की छोटी-सी प्रतिमा खरीदनी चाहिए. गाय-बछड़ा की प्रतिमा को ईशान कोण में रखें. इससे भाग्य में वृद्धि होगी.
भगवान श्रीकृष्ण को मोर पंख बहुत पसंद है. श्रीकृष्ण अपने मुकुट पर हमेशा मोर पंख लगाते थे. मान्यता है कि जन्माष्टमी के अवसर पर घर में मोरपंख लाने से लड़ाई-झगड़े नहीं होते. घर में सुख-शांति बनी रहती है. वास्तु के मुताबिक, मोरपंख पॉजिटिव एनर्जी को आकर्षित करता है.