पीलीभीतः उदयपुर की घटना के बाद सुर्खियों में आए इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी पर शहर काजी ने बड़ा खुलासा किया है. काजी मौलाना जरताफ रजा हस्मती ने दावत-ए-इस्लामी को एक आतंकवादी तंजीम (संगठन) बताया है. उन्होंने कहा दावत-ए-इस्लामी का नाम तो कन्हैया कुमार की हत्या के बाद लोगों के सामने आया है, लेकिन उनकी दरगाह द्वारा हमेशा से ही इसके बारे में प्रशासन को बताया जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शहर काजी ने किया ये खुलासा
शहर में फैल रहे दावत-ए-इस्लामी के मकड़जाल पर बोलते हुए शहर काजी जरताफ रजा खां ने कहा कि दावत-ए-इस्लामी का ऑपरेशन पाकिस्तान के कराची से होता है. वहां बड़े पैमाने स्कूल खोले जा रहे हैं. जिसमें दी जा रही शिक्षा भी सवालों के घेरे में है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान परस्त तंजीम भारत में पैर फैला रही है. उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि क्या विश्व हिंदू परिषद या आरआरएस का कोई दफ्तर पाकिस्तान में खोला जा सकता है?


यूपी के इस सिंघम को सलाम: चलवाते हैं बच्चों के लिए पाठशाला, लाइब्रेरी और क्रिकेट एकेडमी की कराई व्यवस्था


शहर काजी ने उठाए कई सवाल
इस बारे में जब तफ्तीश की तो कई दुकानों पर दावत-ए-इस्लामी की पारदर्शी गुल्लकें रखी मिली. जब उन दुकानदारों से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि यह पैसा मदरसे के लिए इकठ्ठा किया जाता है, लेकिन इस पैसे को कौन ले जाता है यह दुकान मालिकों को भी नहीं पता है. इस पर शहर काजी ने यह सवाल उठाया कि धन इकट्ठा करके कहां पर खर्च किया जा रहा है? डोनेशन के नाम पर रमजान में चंदा जमा किया जाता है.


 शहर काजी जरताफ रजा खां ने कहा कि बहुत सारे मदरसे और स्कूल खोले जा रहे हैं. उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि पाकिस्तानी संगठन यहां पर कैसे स्कूल चला रहा है? मैं यह पूछना चाहता हूं कि क्या पाकिस्तान में भारत की किसी संस्था को मान्यता मिल जाएगी? विश्व हिंदू परिषद को क्या पाकिस्तान में संगठन चलाने की परमिशन मिल जाएगी? 


किस बर्तन में पानी पीने से मिलता है गजब का फायदा, इन बातों को ध्यान में रखकर ही खरीदें


इसका सरगना कराची में बैठा हैः शहर काजी 
शहर काजी ने कहा कि हमारी दरगाह हमेशा अपने वतन के सपोर्ट में रही है. मेरे ग्रैंडफादर ने 1936 में हिंदुस्तान बंटवारे की मुखालफत की थी. हम लोग, हमारी दरगाह, मेरे ग्रैंडफादर हमेशा अपने वतन के लिए कुर्बानी देते चले आए हैं. दावत-ए-इस्लामी के बारे में ऊपर से लेकर नीचे तक सबको अवगत करा चुका हूं और मीडिया के जरिए भी सभी तरीके से बता चुका हूं.


जरताफ रजा खां ने बताया कि मैं आए दिन इसका विरोध करता रहता हूं. 2019 में मैंने अपने कौम के लोगों को कहा था कि अपने बच्चों को बचा लें वरना भविष्य में यह संगठन आपके बच्चों को कहां ले जाएगा कुछ पता नहीं चलेगा. इसका सरगना पाकिस्तान के कराची में बैठा हुआ है. 


WATCH LIVE TV