Kaushambi: फास्ट टैग की मदद से पुलिस ने लूट का किया खुलासा, 4 आरोपी गिरफ्तार
कौशांबी पुलिस ने एक कारोबारी से 15 लाख रुपये की हुई लूट का खुलासा कर दिया है. लेकिन कारोबारी यह नहीं बता पा रहा है कि 15 लाख रुपये उसके पास कहां से आए. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब मामले की तफ्तीश में जुटा है.
अली मुक्ता/कौशांबी: कौशंबी पुलिस ने एक अक्टूबर को हुई लूट का खुलासा करते हुए चार अन्तर्राज्यीय लुटेरों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन चारों लुटेरों के पास से लूटे गए रुपयों में से 15 लाख रुपये भी बरामद किया है. लूट की इस सनसनीखेज वारदात में फास्ट टैग पुलिस के लिए मददगार साबित हुआ. वहीं इस घटना में शामिल दो अन्य आरोपियों की तलाश किया जा रहा है. घटना कोखराज थाना क्षेत्र के ककोढा गांव के पास एनएच-2 की है. यहां गुजरात के पाटन जनपद के सतालपुर थाना क्षेत्र के पर गांव के रहने वाले लाखूजी सिंह के पुत्र अजीत उर्फ पिंटू सिंह आलू और अनाज का व्यापार करते हैं.अजीत ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि वह बनारस में रहकर आलू और अनाज की खरीदी और गुजरात उसकी सप्लाई करने का काम करते हैं.
एक अक्टूबर को उनके साथी व्यापारी अल्पेस गिरी अपनी कार से रुपये लेकर अपने गांव जा रहे थे. इस दौरान जैसे ही वह कोखराज थाना क्षेत्र के ककोड़ा गांव के पास पहुंचे तो उनकी गाड़ी का फोर्ड और ईको गाड़ी ने ओवरटेक करके रोक लिया. इस दौरान गाड़ी में सवार बदमाशों ने उनके साथ लूट की घटना को अंजाम दिया. आरोपी बदमाश लूट की घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए थे. घटना की जानकारी मिलते ही एडीजी समेत अन्य पुलिस के आलाधिकारी मौके पहुंच गया पूरे घटना के विस्तृत छानबीन किया था. एडीजी ने इस घटना के खुलासे के लिए पांच टीमों को लाया था. घटना के 13वें दिन पुलिस ने लखनऊ के अलग-अलग इलाकों से 4 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के गिरफ्त में आए अंकित अनूप शुक्ला आदित्य वर्मा और उदय प्रताप से पुलिस ने लूट की रकम के 15 लाख रुपए भी बरामद किए हैं. इसके अलावा पुलिस ने एक अधत सफारी गाड़ी वादी मुकदमा का आधार कार्ड, डीएल, 4 मोबाइल व तीस अदद सिम कार्ड बरामद किया है. वहीं पुलिस द्वारा पुणे के रहने वाले रोशन और मुंबई के रहने वाले बिरजू की तलाश जारी है.
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कहां से आए 15 लाख रुपये
प्रयागराज जोन के आईजी डॉ राकेश सिंह ने मीडिया को बताया कि लखनऊ के अलग-अलग इलाकों से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से कुल 15 लाख रुपए बरामद किया गया है. आईजी ने बताया कि पुलिस को इस घटना का खुलासा में सबसे ज्यादा मदद फास्ट टैग कार से मिली है. क्योंकि आरोपियों ने जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया था उस गाड़ी में फर्जी नंबर प्लेट लगाए गए थे. हालांकि पुलिस यह बताने में नाकाम रही कि आखिर उस दिन व्यापारी से कुल कितने रुपए की लूट हुई थी. पुलिस के मुताबिक घटना के 13 दिन बीत जाने के बावजूद भी व्यापारी द्वारा यह खुलासा नहीं किया गया है कि आखिर उसके पास कितने रुपए थे.
इनकम टैक्स कर रहा पूछताछ
व्यापारी द्वारा रुपए के खुलासे न करने के सवाल पर आईजी डॉ राकेश सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले के लिए इनकम टैक्स विभाग को सूचना दे दी गई है. इनकम टैक्स विभाग के लोग व्यापारी से पूछताछ कर रहे हैं कि आखिर उसके पास कितने रुपए थे और यह रुपए कहां से आए थे. अब सवाल ये उठता है कि आखिर एक-एक रुपये का हिसाब रखने वाले व्यापारी यह क्यों नहीं बता पा रहे हैं क्या कि उनके गाड़ी में कितने रुपए थे.