Positive News: जानिए कैसे ग्राम प्रधान बने `वाटर हीरो`, जल नायक पुरस्कार से होंगे सम्मानित
Positive News: जालौन के मलकपुरा गांव के प्रधान ने अनोखी पहल की है. जिसके लिए जल शक्ति मंत्रालय जल्द ही उन्हें `जलनायक` पुरस्कार से सम्मानित करेगा...
जितेन्द्र सोनी/जालौन: यूपी के जालौन के मलकपुरा गांव के प्रधान अमित ने अनोखी पहल की है. जिसके तहत पानी को बचाने और उसे पीने योग्य बनाने के लिए पहल की गई है. इसके लिए 'सेडिमेंटेशन' तकनीक के जरिए वाटर ट्रीटमेंट किया जा रहा है. ताकि पानी को इस्तेमाल करने लायक बनाया जा सके. अमित की इस पहल ने वो कमाल कर दिया, जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते. दरअसल, जल शक्ति मंत्रालय ने उनके इस प्रोजेक्ट को काफी सराहा है. जिसके लिए उन्हें जल्द ही 'जलनायक' पुरस्कार से नवाजा जाएगा.
आइए आपके बताते हैं पूरा मामला
आपको बता दें कि मलकपुरा के ग्राम प्रधान अमित ने गांव में एक मॉडल तैयार किया है. जिसमें वह नालियों के बहने वाले गंदे पानी को स्वच्छ बनाने के लिए 'ब्लैक वॉटर ट्रीटमेंट सेडिमेंटेशन एंड ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग' तकनीक का सहारा ले रहे हैं. इसके तहत ब्लैक वॉटर को ग्रीन वॉटर में तब्दील किया जाता है. जिसके बाद उस तालाब के पानी को, लोगों के उपयोग लायक बनाया जाता है. गांव के लोग इस पानी का उपयोग घरेलू कामों में और फसलों की सिंचाई के लिए कर रहे हैं.
100 घरों के गंदे पानी को किया जा रहा साफ
इस मामले में अमित ने बताया कि इस तकनीक की सहायता से लगभग, 100 घरों से निकलने वाले गंदे पानी को साफ किया जा रहा है. इसका पानी साफ होकर एक बड़े तालाब में जाता है. इस पानी का उपयोग खेती किसानी और पशुपालन के लिए किया जाता है. इसके लिए उन्होंने गांव में 11 सोकपिट स्थापित किए गए हैं. बता दें कि मार्च 2022 में सेंडिमेंटेशन ये प्रॉजेक्ट लगाया लगाया गया था. वहीं, अमित जल सरंक्षण के लिए सोकपिट, तालाबों और वृक्षारोपण पर भी काफी जोर दे रहे हैं. आपको बता दें कि ये जिले का पहला प्रोजेक्ट है, जिसने इतना कमाल का काम किया है. जिसकी सभी लोग सराहना कर रहे हैं.
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा देश के 6 जल नायकों को देगा पुरुस्कार
आपको बता दें कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा देश भर में 6 जल नायकों को पुरुस्कार दिया जाएगा. इन नामों की सूची में 3 नाम उत्तर प्रदेश से हैं. वहीं, अमित जालौन जिले अंतर्गत मलकपुरा के ग्राम प्रधान हैं. इन्होंने आपने गांव के प्राथमिक विद्यालय में पोषक भोजन उपलब्ध कराने, पौधारोपण, शिक्षा, स्वरोजगार, पर्यावरण सुरक्षा और तलछट की सफाई के जरिए जल शोधन जैसी विभिन्न विकास की गतिविधियों में भागीदारी की है. गांव के लोगों की मानें तो उनके अपने प्रधान पर गर्व है.
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