नई दिल्ली: देश में केंद्र सरकार की ओर से गरीब और असहाय लोगों के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) इन्हीं में से एक है. यह योजना उन महिलाओं के लिए शुरू की गई है जो मजदूरी करती हैं और गर्भवती होने की वजह से काम करने में असमर्थ होती हैं. ऐसे में सरकार उन्हें मुफ्त इलाज देती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी सरकारी अस्पताल में जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होता है.


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क्या है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना?
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व स्कीम ‘केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय’ (MoH&FW) की ओर से शुरू की गई है. इसकी शुरुआत साल 2016 में की गई. इसके तहत महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की जांच कराने का प्रावधान है. यानी कोई भी गर्भवती महिला डिलीवरी होने तक हर महीने 9 तारीख को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपनी और अपने गर्भ की जांच करा सकती है. इतनी ही नहीं डिलीवरी के समय गंभीर स्थिति होने पर उन्हें उचित इलाज भी दिया जाएगा.


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5 हजार तक किया जाता है मुफ्त इलाज
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं का 5 हजार तक का मुफ्त इलाज किया जाएगा. जिससे महिलाएं ज्यादा से ज्यादा अस्पताल में डिलीवरी कराएं. जिससे गर्भवती महिला और शिशु की मृत्युदर को कम किया सके. इसी उद्देश्य से मातृत्व दिवस मनाया जाता है. इस दिन गर्भवती महिला के ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट, यूरीन टेस्ट, हीमोग्लोबिन जांच और अल्ट्रासाउंड का टेस्ट फ्री में किया जाता है. इसके अलावा जो महिलाएं ज्यादा गंभीर होती हैं उन्हें उच्च चिकित्सा केन्द्रों के लिए रेफर कर दिया जाता है.


9 जनवरी को खोले गए बैंक अकाउंट
9 जनवरी को भी गर्भवती दिवस मनाया गया. इस बार गर्भवती महिलाओं के जीरे बैलेंस के खाते खोले गए. इस दिन उन महिलाओं के भी बैंक खाते खोले गए, जिनका पहले से कोई अकाउंट नहीं था. इससे इन्हें जननी सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.


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क्यों शुरू की गई PMSMA
सरकार की इस सुविधा के लाभ के लिए स्वास्थ्य केंद्र निर्धारित किए गए हैं. यह केंद्र केवल शहर ही नहीं बल्कि गावों में भी बनाए गए हैं. इस योजना का लाभ सभी गर्भवती महिलाओं को दिया जाता है. खासकर जो महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर हैं. ऐसा इसलिए ताकि जो जिन महिलाओं को गर्भधारण के बाद सही खान-पान नहीं हो पाता, जिस वजह से उनके बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं. इसी सब पर रोक लगाने के लिए सरकार ने  प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को शुरू किया है.


लाभ लेने करने लिए करना होगा यह काम
बतो दें अगर आपको गर्भ धारण किए 3 से 6 महीने हो चुके हैं तो आप किसी भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसके बाद आपका कार्ड बन जाता है. इस कार्ड को लेकर आप महीने की 9 तारीख को किसी भी सरकारी अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच और डिलीवरी करा सकती हैं.


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