Akhilesh Yadav on President Election: भारत में राष्ट्रपति पद के लिए जल्द चुनाव होने वाले हैं. एनडीए की तरफ से प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू हैं, तो विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है. अब अखिलेश यादव विपक्ष को और मजबूत करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं. उत्तर प्रदेश से यशवंत सिन्हा को ज्यादा से ज्यादा वोट मिल सकें, इसके लिए अखिलेश यादव एक्टिव हो गए हैं. 


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अखिलेश यादव की बैठक की वजह
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कोशिश कर रहे हैं कि वह अपने सहयोगी दलों के सभी सांसद और विधायकों को एकजुट कर सकें और यशवंत सिन्हा के पक्ष में वोटिंग करा सकें. इसलिए आज उन्होंने सपा मुख्यालय में सभी सांसदों और विधायकों की मीटिंग बुलाई हुई है.


यह है सपा के वोटों का आंकड़ा
आपको बता दें, सपा और उसके सहयोगी दलों को मिलाकर कुल 125 विधायक बनते हैं. वहीं, रालोद और निर्दलीय मिलाकर सपा के 5 राज्यसभा और 3 लोकसभा सांसद हैं (दो सीटों पर उपचुनाव के नतीजों का इंतजार है). मालूम हो, यूपी में एक विधायक मत का मूल्य 208 है और सांसद का 700. ऐसे में सपा के सभी विधायकों को मिलाकर कुल मूल्य 26000 बनता है. 


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क्यों अखिलेश यादव ले रहे यशवंत को जिताने का जिम्मा
दरअसल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर यह बड़ा जिम्मा है कि यशवंत सिन्हा को ज्यादा से ज्यादा वोट दिलवा सकें. क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं और अखिलेश के टीएमसी से रिश्ते मजबूत हैं. यही नहीं, यशवंत सिन्हा और अखिलेश यादव के रिलेशन काफी अच्छे हैं. यह भी वजह है कि अखिलेश के कंधे पर यशवंत सिन्हा को जिताने की जिम्मेदारी है. अब अखिलेश के सामने चुनौती यह है कि सपा और सहयोगी दलों के विधायकों को पूरी तरह से कैसे एकजुट करें. 


कुछ सपा विधायकों ने कर दिया था एनडीए उम्मीदवार का समर्थन
गौरतलब है कि पिछले राष्ट्रपति चुनाव में समाजवादी पार्टी के कुछ विधायकों ने एनडीए कैंडिडेट का सपोर्ट किया था. अब वोटिंग तो गु्प्त थी, तो पता लगाना असंभव था कि किसने पार्टी की सोच से हटकर काम किया. अब आगे यह चूक न हो, इसलिए अखिलेश यादव आज यह बैठक कर रहे हैं.


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