रिश्तों का अनोखा संगम: माथे पर तिलक, हाथ में राखी, ईद की तरह रक्षाबंधन का त्योहार मनाता है ये मुस्लिम परिवार
Prayagraj: प्रयागराज में मुस्लिम समुदाय के दो पीढ़ियों के लोग हिंदू समुदाय की लड़कियों से राखी बंधवाते हैं. तकरीबन 37 सालों पहले से इस रिश्ते की शुरुआत हुई थी. ख़ास ये भी है कि मुस्लिम परिवार सैय्यद घराने से तार्रुफ़ रखता है जो मुस्लिम में सर्वश्रेठ होते हैं और हिन्दू परिवार ब्राह्मण है.
मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: संगम नगरी में रक्षाबंधन के पर्व पर एक बार फिर धर्म से परे रिश्ते के मायने को नया सन्देश दिया गया. दुनिया भर में नदियों के संगम के लिए मशहूर शहर ने गंगा-जमुनी तहजीब और भाई चारे प्रेम,का सन्देश दिया. जब लोग धर्म के नाम पर बांटने की बात कर रहे हों, ऐसे समय में शहर के नैनी क्षेत्र में रहने वाले एक मुस्लिम और हिन्दू परिवार ने सबके लिए मिसाल पेश की है.
शहर के यमुनापार इलाके यह मुस्लिम परिवार ईद की तरह रक्षाबंधन को भी धूमधाम से मनाता है. इस दिन पूरा परिवार एकजुट होता है. बता दें कि पिछले 37 साल से इन दो परिवारों में कभी भी कोई बदलाव नहीं आया और हिन्दू बहनों से ये मुस्लिम परिवार राखी बंधवाता आ रहा है. नैनी में रहने वाले रसिक बिहारी दुबे के परिवार से उन्हीं के पड़ोस में रहने वाले सैय्यद अज़ीज़ आलम का परिवार राखी बंधवाते हैं.
इस मुस्लिम परिवार की तीन पीढ़ी इस रिश्ते को कायम रखी हुई हैं. ईद की तरह रक्षा बंधन पर भी नए कपड़े के साथ तैयार होते हैं. संगम नगरी से ये उन लोगों के लिए भी सन्देश है जो रिश्तों को धर्म-जाति से जोड़ते हैं. दोनों परिवार गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है. इस बार सैय्यद परिवार ने मीडिया के माध्यम से सभी को अमन और भाईचारे के साथ रहने की नसीहत भी दे रहे हैं.