Prayagraj: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का AU के प्रोफेसर विक्रम ने किया समर्थन, बयान को बताया बिल्कुल ठीक
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Prayagraj: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का AU के प्रोफेसर विक्रम ने किया समर्थन, बयान को बताया बिल्कुल ठीक

UP News: श्रीरामचरित मानस को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए विवादित बयान को एयू के इतिहास विभाग के प्रोफेसर विक्रम कुमार ने समर्थन किया है. आइए बताते हैं पूरा मामला...

Prayagraj: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का AU के प्रोफेसर विक्रम ने किया समर्थन, बयान को बताया बिल्कुल ठीक

प्रयागराज: श्रीरामचरित मानस को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान को लेकर बयानबाजी का दौर जारी है. अब इस बयान को लेकर इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर विक्रम कुमार ने समर्थन किया है. एयू के प्रोफेसर विक्रम ने कहा है कि सिर्फ श्रीरामचरित मानस ही नहीं बल्कि मनुस्मृति को भी बैन कर देना चाहिए. प्रोफेसर विक्रम ने कहा कि इन्हें जबरदस्ती लोगों पर थोपा गया है. इन ग्रंथों का आस्था से कोई लेना देना नहीं है.

प्रोफेसर ने कही ये बात 
प्रोफेसर विक्रम ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान दो विचारधाराओं के बीच टकराव वाला है. एक विचारधारा मनुवाद को मानने वाली है और दूसरी बहुजनवाद को मानती है. समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन करते हुए प्रोफेसर विक्रम ने कहा कि उन्होंने अपने बयान में कुछ गलत बात नहीं कहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने वही बातें कही है, जो श्रीरामचरितमानस में लिखी हुई हैं.

आस्था के नाम पर अंधविश्वास को नहीं देना चाहिए बढ़ावा
प्रोफेसर विक्रम ने कहा कि श्रीरामचरित मानस के साथ ही जातियों को पोषक मानने वाले सभी धर्मग्रंथों को पर भी बैन किया जाना चाहिए. प्रोफेसर विक्रम ने दावा किया कि श्रीरामचरित मानस कोई धार्मिक पुस्तक नहीं है. इसके धार्मिक ग्रंथ होने के पीछे कोई साक्ष्य नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इससे धार्मिक आस्था का कोई लेना देना नहीं है. प्रोफेसर विक्रम ने कहा कि आस्था के नाम पर अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देना चाहिए.

विवादित बयान देकर बने रहते हैं सुर्खियों में 
आपको बता दें कि प्रोफेसर विक्रम कुमार का विवादों से पुराना नाता रहा है. इसके पहले भी वह हिंदू देवी देवताओं को लेकर कई विवादित बयान दे चुके हैं. उनके विवादित बयान के खिलाफ कई बार शिकायतें भी थाने तक पहुंच चुकी हैं. इसको लेकर छात्रों का एक वर्ग उन्हें विश्विद्यालय से निष्कासन की भी मांग कर चुका है. हालांकि, प्रोफेसर अपनी आदतों से बाज नहीं आते हैं. अक्सर वह कोई न कोई विवादित बयान देकर सुर्खियों मे बने रहते हैं.

इस विवादित बयान से तनाव का माहौल बन सकता है
अभी हाल ही में उन्होंने महात्मा गांधी की जगह पर ज्योतिबा फूले को राष्ट्रपिता बनाने की वकालत की थी. वहीं, अब सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन करते हुए श्रीरामचरित मानस को विवादित कह दिया है, जिसके बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भी उनके इस विवादित बयान से तनाव का माहौल बन सकता है.

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