ऋषिकेश: 'मैन वर्सेस वाइल्ड' (Man Vs Wild) नाम का फेमस शो तो देखा ही होगा आपने. अब ऋषिकेश में भी इस शो की पटकथा को दोहराने जैसी सच्ची स्टोरी सामने आई है. यहां एक आदमी ने पहले तो खूंखार तेंदुए (Leopard Attack) को चकमा देते हुए गंगा की तेज धार में कूद कर खुद को बचाया, फिर तट पर बैठे तेंदुए से बचने पूरी गंगा नदी की धार को तैरते हुए पार किया और उस पार के वन क्षेत्र में पहुंचा. इसके बाद भी उसकी परेशानी कम नहीं हुई. वह उस घने सुनसान जंगल में खो गया. जंगली जानवरों से भरे उस जंगल में वह दो रातों तक फंसा रहा और सर्वाइवल स्किल के दम पर जिंदा रहा. बाद में उसे रेस्क्यू कर लिया गया.


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पढ़िए पूरी घटना खुद सर्वाइवर की जुबानी 
यह घटना घटी 30 वर्षीय अनुराग सिंह के साथ जो ऋषिकेश में गुब्बारे बेचने का काम करता है.  उसने अपने साथ की उस घटना के बारे में मीडिया को बताया कि, वह ऋषिकेश से अपने घर बिजनौर लौट रहा था. विगत गुरुवार को वह राजाजी टाइगर रिजर्व के चिल्ला क्षेत्र से गुजर रहा था. वह फोटो खींचने का शौकीन है तो शाम का सुहाना वक्त और गंगा के तट के साथ खुद की सेल्फी लेने उसने अपनी बाइक रोक दी और बैकड्रॉप में नदी के साथ एक सेल्फी लेने के लिए अपना फोन निकाला. इसी दौरान एक तेंदुआ झाड़ियों से निकला और उस पर झपट पड़ा. अपनी जान बचाने सिंह ने तुरंत नदी में छलांग लगा दी. 


जैसे ही वह पानी में कूद गया, तेज धार उसे डुबोने लगी. तभी उसके हाथ एक लकडी का लट्ठा लग गया और वह उससे चिपक गया. इस लॉग के सहारे तैरते-तैरते वह पानी से घिरी वन भूमि के एक टुकड़े पर आकर रुक गया.  वह भीगने के कारण ठंड से कंपकंपा रहा था. यहां उसकी किस्मत ने साथ दिया, क्योंकि सौभाग्य से वह जो बैग ले जा रहा था वह वाटरप्रूफ था और उसमें माचिस थी, जो अब तक सूखी थी. उसने खुद को गर्म रखने के लिए अलाव जलाया और फिर जंगली जानवरों से बचने के लिए एक पेड़ पर चढ़ गया.  पेड़ के ऊपर रात बिताने के बाद, वह अगली सुबह पास के जंगल में रास्ता खोजने की उम्मीद में निकल गया.


आग के धुएं से रेस्क्यू की उम्मीद
उसने मीडिया को बताया कि वह दिन भर जंगल के अंदर घूमता रहा लेकिन उसे कोई रास्ता नहीं मिला. आखिरकार उसने उसी जंगल में एक और रात बिताई, अलाव जलाकर फिर एक पेड़ के ऊपर सोया. सिंह ने अगले दिन शनिवार को जंगल में घूमना फिर से शुरू किया और हरिद्वार में शादानी घाट के सामने वाले जंगल के एक हिस्से में ठहर गया. उसने इस बार आग खुद को गर्म करने के लिए तो जलाई ही, साथ में यह भी उम्मीद की कि कोई धुएं को नोटिस करेगा और उस तक पहुंच जाएगा. इस बार उसकी किस्मत अच्छी रही क्योंकि पुलिस को आग का धुआं नजर आ गया. 


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कपड़े और खाना देकर भेजा बिजनौर वापस
सप्तऋषि चौकी के प्रभारी प्रदीप रावत ने अपनी टीम के साथ जाकर उसे बचा लिया. पुलिस अधिकारी प्रदीप रावत ने उसकी उस समय की हालत के बारे में लोकल मीडिया को बताया कि, "हम जब धुएं वाले इलाके में गए  देखा कि वह  बुरी तरह से कंपकंपा रहा था. खुद को बचाने के लिए चिल्ला रहा था. वह बेहद भूखा था. हमने उसके कपड़े बदलवाए और कुछ खाने को दिया. उन्हें बिजनौर में उनके घर वापस भेज दिया गया है. "


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