लोकसभा चुनाव 2023 की सियासी नींव रखी जाने लगी है. समाजवादी पार्टी जातीय जनगणना को हवा दे रही है. बीजेपी भी पलटवार में पीछे नहीं है.
Trending Photos
लखनऊ: अगले साल लोकसभा चुनाव है. ऐसे में जाति आधारित जनगणना का मुद्दा एक बार फिर सियासी रूप से गरमाता जा रहा है. समाजवादी पार्टी लगातार जातीय जनगणना की बात कर रही है. जातीय जनगणना का मुद्दा उठाने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव हर जनपद का दौरा करेंगे. वहीं शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी कह दिया कि हम जातीय जनगणना के पक्ष में हैं. अखिलेश ने कहा कि जाति की जनगणना होनी चाहिए. देश के कई राजनीतिक दल इसके पक्ष में हैं. समाजवादी पार्टी के विधायक, सांसद, गांव-गांव जाकर इस बात के लिए लोगों में जागरूकता लाएंगे. कुछ समय में पार्टी का नेतृत्व गांवों में जाकर लोगों को इसके बारे में जागरूक करेगा, क्योंकि जब जनगणना होगी तभी संभव हो पाएगा कि विकास योजनाओं से उनको (लोगों को) कैसे जोड़ें. माना जा रहा है कि सपा जातीय जनगणना के मुद्दे को विधानसभा में भी उठा सकती है.
बिहार से तेज हुई जाति जनगणना पर राजनीति
बिहार में जातीय जनगणना को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सूबे में 7 जनवरी से जाति आधारित जनगणना की शुरू हो जाएगी. राज्य में सामान्य प्रशासन विभाग की देखरेख में सरकार मोबाइल फोन ऐप के जरिए हर परिवार का डाटा एकत्र करने जा रही है.
बताया जा रहा है कि एक एप के जरिए परिवार के लोगों के नाम, उनकी जाति, जन्मस्थान और परिवार के सदस्यों की संख्या से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे. इसके बाद दूसरे चरण की जनगणना का काम 1 से 30 अप्रैल तक होगा. इस दौरान लौगों की जाति, धर्म और उप जाति के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन का कहना है कि आखिर पिछड़ों, दलितों और वंचितों की हिस्सेदारी में कौन रोड़ा बन रहा है. क्या योगी आदित्यनाथ जी रोड़ा बन रहे हैं ? और अगर योगी आदित्यनाथ जी रोड़ा बन रहे हैं तो हम केवल यही जानना चाहते हैं कि माननीय योगी आदित्यनाथ जी आखिर आप क्यों दलितों, पिछड़ों और वंचितों के विरोधी हैं , उनका हक और अधिकार क्यों छीनना चाहते हैं.
Caste Census: जातिगत जनगणना को लेकर सपा प्रवक्ता ने सीएम योगी से पूछे ऐसे सवाल, योगी आदित्यनाथ क्या देंगे जवाब