सपा के करीबी पीयूष की काली कमाई ढोने मंगाने पड़े 25 बक्से, BJP ने ली चुटकी- `इत्र`, तत्र, सर्वत्र भ्रष्टाचार
दूसरा ट्वीट करते हुए बीजेपी (BJP4UP Twitter) ने फिर लिखा कि इत्र की विशेषता खुशबू होती है. मगर यदि इत्र सपा वालों के हाथ लग जाये, तो वे इसकी महक को भी मार देते हैं. सपा मतलब- यत्र (इत्र), तत्र, सर्वत्र भ्रष्टाचार. #सपा_मतलब_भ्रष्टाचार... ये नई नहीं, वही सपा है...
कानपुर: कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के यहां छापेमारी अभी भी जारी है. बताया जा रहा है कि उनके घर से इतना कैश निकला है कि विभाग को नोट की गड्डियां रखने के लिए 25 बक्से मंगवाने पड़ गए. यह खबर भी सामने आ रही है कि अभी तक घर से 150 करोड़ की नकदी बरामद हुई है और अभी भी कैश गिनने का काम चल रहा है. रुपये गिनने के लिए एक और मशीन मंगवानी पड़ गई है. वहीं भारी पुलिस के बीच छापेमारी अभी भी जारी है. चुनाव से पहले यह कार्रवाई सपा (Samajwadi Party) के लिए बड़ी मुसीबत लेकर आ सकती है.
BJP हुई हमलावर
अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के करीबियों के पास से करोड़ों की नगदी बरामद होने पर भाजपा भी हमलावर दिख रही है. बीजेपी ने ट्वीट कर लिखा है कि यह है सपाइयों का असली रंग. समाजवादी इत्र से 'भ्रष्टाचार की गंध' छिप नहीं पाई अखिलेश जी. करोड़ों-करोड़ों का काला धन आपके झूठे समाजवाद की पोल खोल रहा है. #सपा_मतलब_भ्रष्टाचार... ये नई नहीं, वही सपा है.
"यत्र (इत्र), तत्र, सर्वत्र भ्रष्टाचार"
वहीं, दूसरा ट्वीट करते हुए बीजेपी (BJP4UP Twitter) ने फिर लिखा कि इत्र की विशेषता खुशबू होती है. मगर यदि इत्र सपा वालों के हाथ लग जाये, तो वे इसकी महक को भी मार देते हैं. सपा मतलब- यत्र (इत्र), तत्र, सर्वत्र भ्रष्टाचार. #सपा_मतलब_भ्रष्टाचार... ये नई नहीं, वही सपा है.
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"भ्रष्टाचार के पैसे से यूपी की कुर्सी खरीदने की कोशिश"
वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि यह वही समाजवादी पार्टी है जहां भ्रष्टाचारियों का साथ और गुंडों का हाथ है. समाजवादी पार्टी के तमाम करीबियों के यहां लगातार इनकम टैक्स और ईडी के छापे पड़ रहे हैं, जिसमें सैकड़ों करोड़ के कैश का खुलासा हो रहा है. किस तरह भ्रष्टाचार से अकूत संपत्ति जुटाने का काम किया था. उत्तर प्रदेश की गरीब जनता की गाढ़ी कमाई को अपनी तिजोरी में भरने का काम किया था. आज जब चुनाव करीब आ रहा है, तो ये अपनी तिजोरियां खोल रहे हैं. ये लोग अपने भ्रष्टाचार के पैसे के दम पर उत्तर प्रदेश के चुनाव को डिस्टर्बर करना चाहते हैं. लेकिन, उत्तर प्रदेश की जनता इनकी काली करूतूतों को अभी भूली नहीं है. ये कितनी भी कोशिश कर लें, माफियाओं के दम पर और माफियाओं के पैसे से यूपी की जनता का दिल नहीं जीत सकते. समाजवादी पार्टी की साइकिल फिर परास्त होगी और यूपी में योगी आदित्यनाथ की जीत फिर सुनिश्चित होगी.
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