मोहित गोमत/बुलंदशहर: सावन माह के पहले सोमवार पर उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में शिवालयों में जमकर के भक्तों का तांता लगा रहा. बुलंदशहर में श्री महालिंग पुरम क्षेत्र में स्थापित श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ पर सुबह 4 बजे से शिव भक्तों ने महा लिंगेश्वर महादेव का जलाभिषेक करना शुरू कर दिया.


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श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ विश्व के विख्यात और विशालतम शिवलिंग में से एक हैं. श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ पर शिवालय की ऊंचाई 70 फीट है, साथ ही महालिंगेश्वर सिद्धपीठ पर आचार्य मनजीत धर्मध्वज जी की प्रेरणा से 12 ज्योतिर्लिंगों को एक ही स्थान पर स्थापित किया गया है. इसके साथ ही सिद्ध पीठ पर नंदी, कालभैरव और वीरभद्र के साथ विराजमान हैं, अभी कुछ दिन पूर्व भी आचार्य मनजीत धर्मध्वज जी की प्रेरणा से द्वादश महा लिंगेश्वर सिद्धपीठ पर इष्ट दीक्षा केंद्र की भी स्थापना की गई है.


इष्ट दीक्षा केंद्र विश्व में सनातन धर्म में अपनी एक अलग पहचान रखता है. सिद्ध पीठ के पीठाधीश्वर ने बताया कि आज सावन के पहले सोमवार पर महालिंगेश्वर सिद्ध पीठ के परिक्रमा क्षेत्र में जनपद बुलंदशहर में शांति एवं सुख समृद्धि बढ़ाने हेतु 7 कोसी परिक्रमा की गई. आचार्य जी ने बताया कि सावन माह के प्रत्येक सोमवार को श्री द्वादश महा लिंगेश्वर परिक्रमा मार्ग में प्रदेश शांति, देश शांति और विश्व शांति हेतु परिक्रमा की जाएगी. 


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श्री द्वादश महा लिंगेश्वर सिद्ध महापीठ की स्थापना मेदनी ज्योतिषी के अनुसार की गई है. सिद्ध पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य जी का कहना है कि सिद्ध पीठ की स्थापना विश्व में भारत को एक बार फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए की गई है, यहां पर समय-समय पर भारत देश में सुख शांति समृद्धि बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार से महालिंगेश्वर महादेव का अभिषेक किया जाता हैं. सावन के पहले सोमवार पर सिद्ध महा पीठ पर महा लिंगेश्वर महादेव का दर्शन कर हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया.


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इस दौरान सिद्ध पीठ के आसपास पुलिस और प्रशासन का सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्त बंदोबस्त रहा. पहले सोमवार पर सिद्धपीठ पुरोहित पंडित भोला जोशी, चंद्रशेखर जोशी, ओंकार शर्मा ब्रह्मकाल में महालिंगेश्वर आरती के बाद जलाभिषेक शुरू कराया. जलाभिषेक व्यवस्था में कुंवरपाल सिंह, संजू पंडित, विशाल शर्मा, शुभम शर्मा, राजकुमार छंगा, सुशील शर्मा आदि सेवादार मौजूद रहें. 


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