जेसीबी नहीं, संतकबीरनगर में स्कूटर और टैम्पो ने की मिट्टी की खुदाई, जानें क्या है पूरा मामला
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जेसीबी नहीं, संतकबीरनगर में स्कूटर और टैम्पो ने की मिट्टी की खुदाई, जानें क्या है पूरा मामला

मिट्टी की खुदाई के लिए अब तक आपने जेसीबी का इस्तेमाल होते देखा होगा, लेकिन स्कूटर और ऑटो-टैम्पो से भी मिट्टी खुदाई हो सकती है. चौकाने वाला ये मामला संतकबीरनगर का है.

 जेसीबी नहीं, संतकबीरनगर में स्कूटर और टैम्पो ने की मिट्टी की खुदाई, जानें क्या है पूरा मामला

नीरज त्रिपाठी/संतकबीरनगर: भ्रष्टाचार के लिए कैसे-कैसे खेल खेले जाते हैं, इसका एक दिलचस्प नमूना संतकबीर नगर के वन विभाग ने दिखाया है. विभाग ने पौधरोपण के लिए गड्डे की खुदाई जिन वाहनों का इस्तेमाल किया. उसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. वन विभाग के जिम्मेदारों ने नर्सरी पर कई ट्रॉली मिट्टी स्कूटर से गिरवा दी. यही नहीं पौध रोपण के लिए खुदाई का काम टेम्पो ने किया. जबकि मिट्टी की ढुलाई ट्रैक्टर ट्राली और खाई की खुदाई जेसीबी करती है. 

भ्रष्टाचार का खेल
दरअसल जिले में पौधरोपण व अन्य कार्यों के लिए विभाग ने जिन वाहनों का इस्तेमाल किया उन गाड़ियों के नम्बर स्कूटर और टेम्पो के है. बताया जा रहा है ये पूरा खेल भ्रष्टाचार के लिए किया गया है. इसमें वन विभाग के जिम्मेदारों ने फर्जी बिल बाउचर के सहारे लाखों का घोटाला किया. मामले का खुलासा तब हुआ जब विभाग ने वार्षिक ऑडिट करवाई. रिपोर्ट को संज्ञान में लेकर शासन ने महालेखा परीक्षक के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है. 

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ऑडिटिंग के दौरान हुआ खुलासा
मामला वर्ष 2017 से 2019 के बीच का है. जिसे शासन की ऑडिट टीम ने वर्ष 2020 में पकड़ा. ऑडिट टीम ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, जिस पर वन मंत्री अरुण सक्सेना ने दोबारा जांच का आदेश दिया था. दरअसल पौध रोपण के लिए गड्ढे खोदने व इनसे जुड़े कार्यों में जेसीबी व ट्रैक्टर के बिलो में ऐसे वाहनों के पंजीकरण नंबर डाल दिये गए थे जो मोटर साइकिल,टेम्पो और स्कूटर के नम्बर थे. 2017 से 2019 के पौध रोपण के दौरान सरकारी धन हड़पने के लिए ऐसा किया था. मामले के खुलासे के बाद वन विभाग के जिम्मेदारों की सांसे अटकी है. यदि  इस पूरे मामले की गहराई से जांच हो गई तो कई बड़े अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है.

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