शिव कुमार/शाहजहांपुर: जरा सोचिए, किसी पर दुखों का पहाड़ टूटने के बाद भी उसको झलका न सके तो उसकी बेबसी का आलम क्या होगा. कुछ ऐसा ही हुआ बिहार के नवीन कुमार के साथ जो बीमार पत्नी के साथ ट्रेन से निकले थे. लेकिन रास्ते में ही पत्नी ने दम तोड़ दिया. डर था कि पत्नी की मौत की जानकारी होने पर दोनों को को ट्रेन से उतार दिया जाएगा. इसलिए गम को छिपाकर वह पत्नी के शव के साथ 500 किलोमीटर तक ट्रेन में सफर करते रहे. 


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जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले नवीन अपनी पत्नी उर्मिला को इलाज के लिए लुधियाना ले गए थे. लुधियाना से बिहार जाने के लिए वह मयूरध्वज ट्रेन में बैठे. कुछ किलोमीटर चलने के बाद ट्रेन में ही उसकी पत्नी की तबीयत खराब हुई और दम तोड़ दिया. इसके बाद पत्नी के शव के साथ वह 500 किलोमीटर तक सफर करते रहे. 


नवीन बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले हैं. उनकी शादी अरवल जिले के उर्मिला के साथ हुई थी. नवीन एक फैक्ट्री में नौकरी करती हैं जबकि उनकी पत्नी बच्चों को ट्यूशन देखकर उनका हाथ बंटाती थीं. उर्मिला ह्रदय रोग से पीड़ित थीं. जिनको इलाज के लिए वह लुधियाना ले गए थे. शुक्रवार रात ट्रेन से लौटने पर उर्मिला की तबीयत खराब हुई और चंद पलों में दम तोड़ दिया. 


डर की वजह से नवीन ने ट्रेन में बैठे यात्रियों को पत्नी की मौत के बारे में नहीं बताया. उसे डर था कि अगर यात्रियों को पत्नी की मौत के बारे में पता चल गया तो उसे रास्ते में ही उतार दिया जाएगा. लेकिन ट्रेन में बैठे यात्रियों को शक हो गया कि महिला की मौत हो चुकी है. क्योंकि महिला एक ही स्थिति में लेटी थी और उसके पति ने चेहरे पर उसका दुपट्टा डाल दिया था. 


यात्रियों की शिकायत के बाद ट्रेन स्टाफ द्वारा शाहजहांपुर जीआरपी को इसकी सूचना दी गई. जिसके बाद शव को शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया. फिलहाल जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. जीआरपी प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है. 


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