Somvati Amavasya 2023: सोमवती अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, 255 साल बाद बना अद्भुत संयोग
Somvati Amavasya 2023: सोमवती अमावस्या व्रत को शास्त्रों में `अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत` भी कहा गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर इस शुभ दिन इन खास मंत्रों का जाप किया जाए,तो व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
Somvati Amavasya 2023: आज (20 फरवरी) को सोमवती अमावस्या है. सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म, तर्पण आदि करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. वहीं, अमावस्या के दिन स्नान-दान का भी खास महत्व बताया गया है. हरिद्वार में भी भोर से श्रद्धालु स्नान के लिए उमड़े हुए हैं.
सैकड़ों वर्षों में ही कभी-कभी आता है ऐसा संयोग
इस बार अमावस्या सोमवार को पड़ रही है और परिघ योग एवं शिव योग का विशेष संयोग बन रहा है. ऐसा संयोग सैकड़ों वर्षों में ही कभी-कभी आता है. इससे पूर्व यह लगभग 255 वर्ष पहले बना था.
धार्मिक स्थानों पर भक्तों की भीड़:सोमवती अमावस्या पर भक्त करेंगे स्नान
इस दिन गंगा नदी और किसी में पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन पितरों का तर्पण और दान भी किया जाता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास अंतिम मास होता है, इसलिए इस मास में मंत्र जप और तप का विशेष महत्व होता है.
काशी के दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़
वाराणसी में श्रद्धालु सोमवती अमावस्या पर काशी स्नान कर रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि आज के स्नान से पापों से मुक्ति मिलती है. काशी के दशाश्वमेध घाट पर लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.
हरिद्वार में उमड़ी भक्तों की भीड़
उत्तराखंड के गंगा और सहायक नदियों के घाटों में तड़के से भक्तों की भीड़ लगी हुई है.भक्त स्नान के बाद पूजा और दान भी कर रहे हैं. हरिद्वार में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित हैं.
2023 में तीन सोमवती अमावस्या का बनेगा योग
पहला योग 20 फरवरी
दूसरा योग 17 जुलाई
तीसरा योग 13 नवंबर
सुहागिन महिलाएं रखती हैं व्रत
सोमवती अमावस्या का व्रत सुहागिन स्त्रियां रखती हैं. सोमवती अमावस्या का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. सोमवती अमावस्या व्रत को शास्त्रों में 'अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत' भी कहा गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर इस शुभ दिन इन खास मंत्रों का जाप किया जाए,तो व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है.