लखनऊ : हेट स्‍पीच मामले में दोषी समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मुश्‍किलें बढ़ती जा रही हैं. शुक्रवार देर शाम आजम खान की विधायकी रद्द कर दी गई. विधानसभा अध्‍यक्ष सतीश महाना ने न्‍यायालय के आदेश मिलने के बाद यह कार्रवाई की है. बता दें कि एक दिन पहले आजम खान को हेट स्‍पीच मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई थी. 


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जानें क्‍या है पूरा मामला 
बता दें कि यूपी के रामपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने हेट स्पीच मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को दोषी मानते हुए 3 साल जेल की सजा सुनाई थी. आजम खान ने साल 2019 में पीएम मोदी और रामपुर के तत्कालीन डीएम आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ विवादित बयानबाजी की थी. अब एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान को 3 साल की सजा के साथ ही छह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. हालांकि आजम खान को इस मामले में तुरंत जमानत मिल गई थी. लेकिन कयास लगाए जा रहे थे कि सजा के बाद आजम की विधायकी जा सकती है. 


रामपुर की सीट रिक्‍त 
10 जुलाई 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि अगर कोई एमपी, एमएलए और एमएलसी किसी आपराधिक मामले में दोषी पाए जाते हैं और उन्हें न्यूनतम 2 साल की जेल होती है तो तत्काल प्रभाव से उनकी सदन की सदस्यता चली जाएगी. सतीश महाना द्वारा आजम की सदस्‍यता रद्द करने के बाद अब रामपुर विधानसभा की सीट रिक्‍त हो गई है. 


ऐसे समझिए हेट स्पीच पर कानून को 
आजम खान के खिलाफ हेट स्पीच मामले में आईपीसी की धारा 153-ए (दुश्मनी को बढ़ावा देने), 505-1 (सार्वजनिक बुराई) और रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 की धारा 125 के तहत मामला दर्ज किया गया था. देश में हेट स्पीच के खिलाफ कोई विशेष कानून नहीं है और आईपीसी और रिप्रजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट 1951 के तहत ही मामला दर्ज किया जाता है.