Azam Khan: समाजवादी पार्टी के महासचिव आजम खां की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. बुधवार को उनके बेटे अब्‍दुल्‍ला आजम को मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाते हुए उनकी विधानसभा की सदस्‍यता रद्द कर दी गई. वहीं, इसके बाद बुधवार शाम को ही सपा नेता आजम खां को जौहर ट्रस्ट को खाली करने का आदेश दिया गया है. 


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15 दिनों में कब्‍जा हटाने का निर्देश 
दरअसल, अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अधिकारी की ओर से से सपा नेता के जौहर ट्रस्ट को एक नोटिस भेजी गई है. इसमें 15 दिन के भीतर जौहर शोध संस्‍थान से कब्‍जा हटाने को कहा गया है. ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है. 


सपा नेता पर यह है आरोप 
बता दें कि सपा नेता आजम खां ने अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण विभाग का सरकारी शोध संस्‍थान अपने निजी ट्रस्ट में लीज पर लिया था. आरोप है कि इसके लिए कई बार नियमों को भी बदला गया. इतना ही नहीं शोध संस्‍थान के उद्देश्‍यों को भी समाजवादी पार्टी सरकार में बदल लिया गया था. 
 
SIT की जांच रिपोर्ट में हुआ था खुलासा 
आरोप है कि सपा नेता आजम खां ने करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से बने इस शोध संस्‍थान को आजम खां ने 100 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से 99 साल की लीज पर लिया था. यह खुलासा SIT की जांच रिपोर्ट में सामने आया है. बता दें कि पिछले महीने योगी कैबिनेट की बैठक में जौहर ट्रस्ट से शोध संस्‍थान वापस लेने का प्रस्‍ताव पास किया गया था. 


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