KDAH: टीना अंबानी रिलायंस ग्रुप के सभी हेल्थ केयर वेंचर की चेयरमैन हैं. इस ग्रुप के हेल्थ केयर वेंचर में मुंबई और इंदौर का कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल (KDAH) है. यह 750 बेड वाला मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल 2009 में शुरू किया गया था.
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Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital: अनिल अंबानी अपने दोनों बेटे जय अनमोल अंबानी और जय अंशुल अंबानी के साथ मिलकर कंपनियों के कर्ज को लगातार कम कर रहे हैं. रिलायंस पावर के कर्ज मुक्त होने के बाद रिलायंस इंफ्रा का कर्ज भी 86 प्रतिशत कम हो गया है. कंपनी का कर्ज 3800 करोड़ से घटकर 475 करोड़ पर आ गया है. शायद ही आपको पता हो कि अनिल अंबानी देश के टॉप 10 अस्पतालों में से एक के मालिक हैं. इस अस्पताल का नाम कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल (KDAH) है और यह मुंबई के फोर बंगलेज में है.
टीना अंबानी ग्रुप के हेल्थ केयर वेंचर की चेयरमैन
इस अस्पताल का नाम रिलायंस इंडस्ट्रीज के फाउंडर धीरूभाई अंबानी की पत्नी कोकिलाबेन अंबानी के नाम पर रखा गया. अस्पताल का स्वामित्व अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप के पास है. टीना अंबानी रिलायंस ग्रुप के सभी हेल्थ केयर वेंचर की चेयरमैन हैं. इस ग्रुप के हेल्थ केयर वेंचर में मुंबई और इंदौर का कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल (KDAH) है. यह 750 बेड वाला मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल 2009 में शुरू किया गया था. इसे देश के एडवांस्उ हेल्थ केयर सेंटर में से एक माना जाता है.
यहां से मिली है मान्यता
अस्पताल में कई सुविधाएं ऐसी हैं, जिन्हें एशिया में सबसे पहले कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल (KDAH) में शुरू किया गया था. इन सुविधाओं में 3 रूम इंट्रा ऑपरेटिव एमआरआई सूट (IMRIS) और EDGE रेडियोसर्जरी सिस्टम आदि हैं. केडीएएच (KDAH) को ज्वाइंट कमीशन इंटरनेशनल (JCI), नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड हेल्थकेयर (NABH), कॉलेज ऑफ अमेरिकन पैथोलॉजिस्ट्स (CAP) और नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर लेबोरट्रीज (NABL) आदि कई नेशनल और इंटरनेशनल बॉडीज से मान्यता प्राप्त है.
हेल्थ केयर में अपना एक अलग मुकाम बनाया
केडीएएच (KDAH) ने हेल्थ केयर में अपना एक अलग मुकाम बनाया है. अस्पताल के सीईओ व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. संतोष शेट्टी हैं, वहीं डॉ. मिहिर दलाल असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट है. कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल देश के टॉप 10 प्राइवेट अस्पतालों में से एक है. इस अस्पताल की शुरुआत 1999 में नीतू मंदके ने बड़े हार्ट हॉस्पिटल के रूप में की थी. 2003 में मंदके की मौत के बाद इस प्रोजेक्ट को असफलता का सामना करना पड़ा. उस समय अनिल अंबानी के रिलायंस एडीए ग्रुप ने इसकी कमान अपने हाथों में ले ली और इसकी बाकी सुविधाओं को पूरा किया. इसके बाद अस्पताल में सभी सुविधाएं 2009 से पूरी तरह चालू हो गईं.
साल 2014 में यह अस्पताल उस समय कंट्रोवर्सी में आया जब पेंशेंट के रेफरल के लिए डॉक्टरों को इंसेटिव देने का आरोप लगा. बाद में यह मामला महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल से माफी के बाद हल हो गया. साल 2016 में KDAH ने रिलायंस कैंसर सेंटर्स के नाम से महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में 18 कैंसर केयर सेंटल की स्थापना करने की योजना की घोषणा करके अपनी आउटरीच को बढ़ाया. इसका मकसद वंचित समुदायों को विशेष रूप से देखभाल प्रदान करना था.