मनीष गुप्ता/आगरा : लव जिहाद और आरक्षण पर स्वामी राम भद्राचार्य ने बड़ा और विवादित बयान दिया है. स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा है कि ''हमारी हिंदू लड़कियों को विधर्मी लोग फंसा रहे हैं. युवतियों को कड़े के साथ कटार का भी अभ्यास होना चाहिए.'' आरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि ''कुर्सी के लिए नेताओं ने देश में जातिवाद फैलाया.'' उन्होंने आरक्षण को खत्म करने की नसीहत दी. स्वामी राम भद्राचार्य ने कहा कि ''देश में कोई भी नीच और शूद्र नहीं है.आरक्षण खत्म करो मैं किसी के भी घर खाना खाऊंगा. अगर हमने जातिवाद फैलाया होता तो शबरी माता के झूठे बेर राम क्यों खाते."


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तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य ने आगरा में रामकथा सुनाने के दौरान ये बात कही है. उन्होंने कहा ''बहनों, जो तुम्हारी ओर गलत दृष्टि से देखे, उसकी आंख निकाल लो. फिर जो मुकदमा होगा मैं देख लूंगा.'' उन्होंने आगे कहा, "हिंदू लड़कियां अपनी इज्जत स्वयं बचाएं. हाथ में कड़ा पहनने के साथ-साथ कटार चलाने का अभ्यास करो और बन जाओ लक्ष्मीबाई." 
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जानिए कौन हैं स्वामी राम भद्राचार्य
जगदगुरु रामभद्राचार्य का वास्तविक नाम गिरधर मिश्रा है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ. वह रामानन्द सम्प्रदाय के 4 जगदगुरु रामानन्दाचार्यों में से एक हैं. इस पद पर साल 1988 से हैं. बताया जाता है कि 2 माह की उम्र में उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी.


रामभद्राचार्य 22 भाषाओं के ज्ञाता हैं. अब तक 80 पुस्तकों और ग्रंथ लिख चुके हैं. वह सुनकर सीखते हैं और बोलकर अपनी रचनाएं लिखवाते हैं. चित्रकूट स्थित संत तुलसीदास के नाम पर स्थापित तुलसी पीठ की उन्होंने ही स्थापना की है. सामाजिक और आध्यात्मिक जन जागरण के लिए 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया था. सुप्रीम कोर्ट में रामभद्राचार्य ने ही रामलला के पक्ष में वेद पुराण के संदर्भ के साथ गवाही दी थी.


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