UP News: जैन धर्म के सिद्ध धाम सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में जैन समाज के अनुयायियों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है. जानिए पूरा मामला.
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अलीगढ़: प्राचीन काल से ही भारत में अनेकों धर्म एवं जातियों के लोग रहते हैं. इसके अलावा समय-समय पर भारत में अपने धर्म के अनुसार सिद्ध स्थान का निर्माण कराया गया. जहां प्राचीन काल से आज तक उसी धर्म की मान्यता के अनुसार लोग पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. वहीं, भारत सरकार के द्वारा ऐसे स्थानों का संरक्षण करने के साथ ही पर्यटन स्थल भी घोषित किया जा रहा है. इस बीच जैन धर्म के सिद्ध धाम सम्मेद शिखरजी से जुड़ा मामला सामने आया है. आइए बताते हैं पूरा मामला.
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भारत सरकार ने किया पर्यटन स्थल घोषित
दरअसल, अलीगढ़ में जैन समाज के द्वारा सम्मेद शिखरजी सिद्ध स्थान को भारत सरकार के द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किया गया है. इसका विरोध में जैन समाज के अनुयायियों ने धरना प्रदर्शन किया है. उन्होंने राष्ट्रपति और पर्यटन मंत्री के नाम एक ज्ञापन अलीगढ़ जिलाधिकारी को सौंपा है.
हमारी भावना को पहुंचेगी ठेस
इस मामले में जैन मुनि अखिल जैन ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सम्मेद शिखरजी जैन धर्म का का सिद्ध स्थान है. अभी सरकार के द्वारा उसे पर्यटन स्थल घोषित किया जाता है. पर्यटन स्थल बनने के बाद उस जगह पर मांस मदिरा एवं अन्य चीजों का सेवन किया जाएगा. जिससे हमारी भावना को ठेस पहुंचेगी.
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सरकार को जैन धर्म का सम्मान करते हुए इस फैसले को लेना चाहिए वापस
आपको बता दें कि हमारे धर्म में जब हम उस स्थान पर तीर्थ के लिए जाते हैं, तो अन्न का दाना तक नहीं खाते. इतना ही नहीं चप्पल जूते तक उस स्थान पर पहनकर नहीं जाते हैं. अगर उस स्थान को पर्यटन स्थल बनाया गया, तो जैन धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी. इसलिए सरकार एवं पर्यटन मंत्री से हमारा आग्रह है कि सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित न किया जाए. उन्होंने कहा कि हम अहिंसक लोग हैं, लेकिन कायर नहीं हैं. सरकार जैन धर्म का सम्मान करते हुए अपने इस फैसले को वापस लेना चाहिए.