Noida Twin Tower Blast : उत्तर प्रदेश में नोएडा के सेक्टर 93 में ट्विन टावर को धमाके से ध्वस्त करने को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं. अब सबकी नजरें इस बात पर है कि आखिर ये धमाका कैसे कराया जाएगा और आखिरी वक्त डायनामाइट में ब्लास्ट को लेकर क्या प्लान बनाया गया है. हम आपको यहां बताएंगे कि ब्लास्ट का फाइनल बटन कौन दबाएगा और आखिरी 30 मिनट में ऑपरेशन महाविस्फोट को कैसे अंजाम दिया जाएगा.


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महाविस्फोट का फाइनल बटन किसके हाथ...
विस्फोट के पहले ब्रिक्समैन समेत 6 कर्मी बिल्डिंग के 100 मीटर के दायरे में जिम्मेदारी संभालेंगे.विस्फोट के पहले बॉक्स चार्ज कराया जाएगा. फिर 9500 लेयर्स में डायनामाइट में करंट पहुंचाया जाएगा. सब कुछ सही रहा तो ऑपरेशन महाविस्फोट में अहम भूमिका निभा रहे चेतन दत्ता धमाके का फाइनल बटन दबाएंगे. बारूद लगाने के लिए 7 हजार के करीब सुराख इमारत में किए गए हैं.


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इमारत ढहाने की वजह
एडिफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता का कहना है कि ट्विन टावर के दो टावरों में से एक एपेक्स 32 मंजिला और शियान 29 मंजिला है. दोनों टावरों में कुल 915 फ्लैट थे, इन दोनों टावर्स के बीच कम से कम 16 मीटर का फासला होना था, लेकिन ये 9 मीटर से भी कम रहा.


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विशेषज्ञ कंपनियों को जिम्मेदारी
गगनचुंबी इमारतों को गिराने में महारत हासिल करने वाला साउथ अफ्रीकन कंपनी जेट डिमोलिशन की 7 सदस्यीय टीम और स्वदेशी फर्म एडिफिस इंजीनियरिंग 28 अगस्त को ट्विन टावर को जमींदोज करने के मिशन को पूरा करेंगे.  


पहले कहां होगा धमाका
मेहता ने कहा, पहला धमाका Ceyane के बी1 में और एपेक्स के एस्टर2-3 में होगा.विस्फोटकों को जोड़ने वाले तारों के साथ हर फ्लोर में वायरिंग को पूरा कर लिया गया है. अब सिर्फ उन्हें इग्निशन प्वाइंट से जोड़ना बाकी रह गया है. एमराल्ड कोर्ट की इमारत को बचाने के लिए ट्विन टावर के ही पश्चिमी गेट की ओर गिराने की योजना है. दोनों बिल्डिंगों को तीन मीटर की दूरी पर डिमोलिश करने की प्लानिंग है, ताकि एस्टर-2 पर जाकर ये मलबा न गिरे. सुपरटेक के एस्टर-2, एस्टर-3 और एस्पायर 1 टावरों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जाएगा.


पलक झपकते ही सारा खेल खत्म
3700 किलो डायनामाइट इमारत में लगाा गया है, ऐसे में इमारत ताश के पत्तों की तरह 10 से 12 सेकेंड में गिर जाएगी. इससे करीब 35 हजार घन मीटर से ज्यादा मलबा निकलने का अनुमान है. धूल और धुएं का गुबार 900 मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है और तीन किलोमीटर के दायरे में फैल सकता है. इन धमाकों के बीच नैनो सेकेंड का अंतराल होगा, यानी पलक झपकते ही सारा खेल खत्म हो जाएगा.


सुबह इवैक्शन की तैयारी
ट्विन टावर (Twin Tower Evacuation Plan) में ब्लास्ट कराने की सुबह 28 अगस्त को सुबह 7.30 बजे तक आसपास की चार बड़ी इमारतों (एमरॉल्ट कोर्ट और एटीएस विलेज) समेत करीब 7 हजार लोगों को उनके फ्लैट से बाहर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा. 5 हजार वाहनों को भी दूसरी जगह भेजा जाएगा. 


बिजली-पानी और गैस सप्लाई बंद होगी
ट्विन टावर के आसपास के 150 फ्लैट पर ज्यादा खतरा है. ऐसे में 7 बजे सुबह बिजली-पानी का कनेक्शन भी काट दिया जाएगा. आईजीएल गैस पाइपलाइन का कनेक्शन भी 6.30 पर काट दिया जाएगा.जबकि आरडब्ल्यूए 12 बजे के करीब इलेक्ट्रिक सप्लाई काट देगा.


कैसा रहेगा ट्रैफिक प्लान
धमाके (Blast Traffic advisory) के वक्त करीब एक किलोमीटर के दायरे में आवाजाही पूरी तरह बंद रहेगी. नोएडा एक्सप्रेसवे 30 मिनट तक बंद रहेगा. ट्रैफिक संभालने के लिए 500 पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी. ट्विन टावर के 8 रास्तों को पूरी तरह बंद किया जाएगा. 


90 दिन लगेंगे मलबा हटाने में 
100  से ज्यादा ट्रक मलबा हटाने में 1200-1300 फेरे लगाएंगे.ध्वस्त इमारत से करीब 4 हजार टन लोहा-स्टील निकलेगा. इसे बेचकर कंपनी अपना खर्च निकालेगी. बिल्डिंग गिराने की जिम्मेदारी संभालने वाली एडिफिस और साउथ अफ्रीका की जेट डिमोलिशन का अनुमान है कि करीब 17-18 करोड़ रुपये का खर्च इस पूरे अभियान में आएगा.