UKSSSC Paper Leak: बिल्ली को दी गई थी दूध की रखवाली, ऐसे हुआ Paper Leak का खुलासा
UKSSSC Paper Leak: उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के साल 2021 के हुए पेपर लीक (Paper Leak) मामले में एसटीएफ (STF) ने बड़ा खुलासा किया है. इस मामले के तार उत्तर प्रदेश के लखनऊ से भी जुड़े हुए हैं. मुकदमें में विवेचना की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई थी. गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान जानकारी दी.
राम अनुज/देहरादून: उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के साल 2021 के हुए पेपर लीक (Paper Leak) मामले में एसटीएफ (STF) ने बड़ा खुलासा किया है. इस मामले के तार उत्तर प्रदेश के लखनऊ से भी जुड़े हुए हैं. दरअसल, दिसम्बर 2021 में आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले में देहरादून के रायपुर थाना में मुकदमा पंजीकृत किया गया था. आइए आपको बताते हैं इस मामले में एसटीएफ ने क्या खुलासा किया है.
पूछताछ के दौरान लखनऊ कनेक्शन आया सामने
आपको बता दें कि मुकदमें में विवेचना की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई थी. गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान जानकारी दी. उसने बताया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उत्तराखण्ड द्वारा कराई गई परीक्षा के गोपनीय कार्य करने लिए लखनऊ की एक कंपनी को हायर किया गया था. इस कंपनी का नाम आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन था. जिसे यह कांट्रेक्ट दिया गया था. पूछताछ में यह भी पता चला कि कम्पनी के कुछ कर्मचारी पेपर लीक मामले में संलिप्त हैं.
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पेपर लीक के पैसे से आई बंगला, मोटर, कार
आपको बता दें कि उत्तराखंड एसटीएफ की टीम को पेपर लीक मामले की जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था. जांच के दौरान पता चला कि आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन कम्पनी में कर्मचारी अभिषेक वर्मा पानी की तरह पैसे बहा रहे हैं. बता दें कि कर्मचारी पिछले कुछ महीनों से सीतापुर स्थित अपने गांव में नए मकान का निर्माण करा रहे हैं. वहीं, लखनऊ के मकान पर तेजी से रेनोवेशन का काम चल रहा था. सिर्फ इतना ही नहीं साहब ने नई स्विफ्ट डिजायर कार की खरीद ली. जिसके बाद ये कर्मचारी एसटीएफ के रडार पर आ गया.
आपको बता दें कि अभिषेक वर्मा को कम्पनी से मात्र 21,000 रुपए की सैलरी मिलती थी. लेकिन उसने कम समय में ही खूब पैसे कमाए. एसटीएफ को आय से अधिक खर्चा करना संदिग्ध प्रतीत हुआ. तभी जांच टीम के हाथ यह जानकारी भी लगी कि अभिषेक किसी जरूरी काम से देहरादून आया है. जानकारी मिलते ही देहरादून में एसटीएफ की टीम सक्रिय हुई. टीम ने पूछताछ के लिए अभिषेक को एसटीएफ कार्यालय बुलाया.
उत्तराखंड एसटीएफ जुटा रही डिजिटल साक्ष्य
आपको बता दें कि एसटीएफ द्वारा कड़ाई से पूछताछ के बाद अभिषेक ने पेपर लीक का राज उगला. उसने बताया कि, वह आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी में पेपर सेट बनाकर उसे सील करने का काम करता था. पेपर सील करने के दौरान उसने उक्त परीक्षा के तीनों पालियों के पेपरों की एक एक प्रतियां निकाल ली. स्कैन कर उसने मोबाईल एप्प टेलीग्राम से संबंधित को भेजा दिया. फिलहाल, एसटीएफ डिजिटल साक्ष्य जुटा रही है.
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इन लोगों के खातों में भेजे पैसे
एसडीओ की पूछताछ में अभिषेक ने बताया इस काम के लिए उसे 36 लाख रुपए मिले थे. इस रकम से उसने 9,50,000 लाख से अपने गांव में 2 कमरे बनवाए, 9,00,000 लाख में डिजायर टॉप मॉडल गाड़ी खरीदी, मां के बैंक एकाउंट में भी 3,00,000 रूपये, 1,50,000 रूपये भाई के खाते में, 2,00,000 अपने पिता के एकाउंट में भेजा. वहीं, बचे हुए कुछ रूपये उसने अपनी पत्नी और परिचितों के खातों में डाले हैं. एसटीएफ की मानें तो इस सम्बन्ध में जांच की जा रही है, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी.
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