उन्नाव की सड़क तीन लाख लोगों के लिए बनी परेशानी का सबब, समझ नहीं पा रहे कैसे पहुंचे सीतापुर और लखनऊ
उन्नाव: सड़कों को विकास का पहिया कहा जाता है. यदि ऐसा है तो उन्नाव में तरक्की का पहिया खस्ताहाल हो चुका है. दरअसल यहां हसनगंज को उन्नाव जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली 18 किलोमीटर की सड़क इस कदर उखड़ गई है कि यहां से गुजरना किसी मुसीबत से कम नहीं.
राजेंद्र प्रताप/उन्नाव: बारिश के मौसम में उन्नाव में सड़कों में इस कदर पानी भर गया है कि सड़क स्वीमिंग पुल नजर आ रही है. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि मुख्य मार्ग इतना खस्ताहाल है कि जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. हसनगंज तहसील को उन्नाव जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले 18 किलोमीटर सड़क पर वाहन चलाना तो छोड़िए पैदल चलना भी कठिन हो गया है. यह मार्ग ट्रांसपोर्टेशन के नजरिए से कितना अहम है इसका अनुमान इस बात से लगा सकते हैं कि इस रास्ते से होकर 50 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं.
3 लाख लोग परेशान
इस सड़क मार्ग पर दो नगर पंचायत,आधा दर्जन इंटर कॉलेज, 3 डिग्री कॉलेज , पांच स्वास्थ्य केंद्र, एफसीआई गोदाम, फरहद पूरा आम मंडी स्थित हैं. यही नहीं लखनऊ, सीतापुर जिले तक आने-जाने के लिए लोग इसी रास्ते का उपयोग करते हैं. एक जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन 50,000 से अधिक वाहन और तीन लाख राहगीर हर दिन इस सड़क से गुजरते हैं.
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प्रस्ताव भेजे जाने का वही पुराना बयान
व्यापारियों का कहना है कि मार्ग जर्जर होने से उनकी रोजी-रोटी पर खतरा मड़राने लगा है. विद्यार्थियों को स्कूल, कॉलेज आने जाने मुसीबतें उठानी पड़ रही हैं. अगर कोई बीमार पड़ जाए या कोई इमरजेंसी आ जाए तो यह मार्ग सहूलियत के बजाय मुसीबत और बढ़ा देता है. सड़क पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं यहां वाहन फंसने से लंबा जाम लगा रहता है. यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं. ऐसा भी नहीं है की अफसरों, नेताओं को इसकी जानकारी नहीं है. यदि उनसे इस बारे में पूछा जाता है तो हर बार प्रस्ताव भेजे जाने का रटा रटाया बयान दिया जाता है. सुबोध कुमार एक्सईएन पीडब्ल्यूडी के मुताबिक यह मार्ग काफी समय से जर्जर है, पिछले वित्तीय वर्ष में प्रस्ताव भेजा गया था बजट मिलते ही कार्य शुरू कराया जाएगा.