कानपुरः उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 2.0 अपराध और अपराधियों पर लगातार नकेल कस रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार रोकने और जनता को स्वच्छ प्रशासन देने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं . वहीं,  लालफीताशाही उनके प्रयासों को पलीता लगाते हुए दिख रही है. ऐसा ही मामला कानपुर में सामने आया. जहां पिता की मौत के बाद बच्चे विराट और परी पेंशन और ग्रेच्युटी का पैसा पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं.


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अब बच्चों ने थक हारकर सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए अपना वीडियो वायरल किया है. इस वीडियो के जरिए उन्होंने अपनी समस्या बताते हुए सीएम से मदद मांगी है. विराट और परी का कहना है कि पिता की पेंशन और ग्रेच्युटी का पैसा नहीं मिलने से उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. 


यह है पूरा मामला 
आपको बता दें कि मूल रूप से उन्नाव के बीघापुर में रहने वाले अरुण उन्नाव में एसडीएम के ड्राइवर पद पर तैनात थे. फरवरी 2021 में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी की मौत 5 साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में आग लगने से हो गई थी. ऐसे में उनके दोनों बच्चे अनाथ हो गए. बच्चे कानपुर में अपने नाना-नानी के पास रहे हैं. नौबस्ता क्षेत्र में नाना-नानी के यहां रह रहे बच्चों ने अपना वीडियो वायरल कर सीएम योगी से मदद मांगी है. 


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बाबू बार-बार चक्कर लगवा रहे दफ्तर के चक्कर
बच्चों का कहना है कि डीएम के आदेश के बावजूद उन्हें ना तो पेंशन मिल रही है और ना ही पिता की ग्रेच्युटी का पैसा मिला है. बाबू फाइलों को दबाए बैठे हैं और बार-बार चक्कर लगवा रहे हैं. आलम यह है कि फीस न जमा करने से उनके स्कूलों से नाम कटने की स्थिति पैदा हो गई है. वहीं, बच्चों के ननिहाल के लोगों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह दोनों बच्चों का पालन पोषण सही से कर सकें. सरकारी तंत्र की लापरवाही की वजह से बच्चों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है. वहीं, वह लगातार उन्नाव में अधिकारियों और बाबू के चक्कर काट रहे हैं. 


बच्चों ने सीएम से लगाई मदद की गुहार
पांचवी कक्षा में पढ़वे वाले विराट का कहना है कि उसकी मम्मी 6 अगस्त 2017 में खत्म हुई थी और पापा पिछले साल 9 फरवरी 2021 को खत्म हुए. समस्या यह आ रही है कि पापा की पेंशन है वह हम तक पहुंच नहीं पा रही है. डीएम ने तो बाबू लोगों से कह दिया है कि जल्द से जल्द इनका काम पूरा करके दो, लेकिन वह हम लोगों को साढ़े 3 महीने से रोज दौड़ा रहे हैं और काम नहीं कर रहे हैं. कहते हैं कि कल हो जाएगा, परसों जाएगा. 


विराट ने कहा, "हमारे नाना-नानी की आर्थिक स्थिति कमजोर है इसलिए हम कुछ कह नहीं पाते हैं और जो हम लोगों को चाहिए होता है वह हम बोल नहीं पाते. हमने टीवी में देखा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कैसे सबकी मदद करते हैं इसलिए हम लोगों ने वीडियो बनाया. हमें उम्मीद है कि वह हमारी भी मदद करेंगे. उसने कहा कि हमको क्रिकेट बनना है, लेकिन पैसे नहीं है तो क्रिकेटर कैसे बनेंगे. एकेडमी की फीस और क्रिकेट किट भी तो चाहिए होती है. पढ़ाई में दिक्कत होती है. स्कूल में अबसेंट लगती है." 


वहीं, बच्चों की नानी ने बताया कि बाबू लोग परेशान कर रहे हैं. हम रोज जाते हैं और रोज उदास होकर लौट आते हैं, बच्चे भी साथ जाते हैं. बाबू लोग कोई काम नहीं कर रहे हैं. सरकार से निवेदन है कि बच्चों की फीस जमा हो जाए और बच्चे पढ़ लिख जाए. 


बच्चों के मामा ने कहा जैसे-तैसे कर रहे गुजारा
मामा दीपक द्विवेदी का कहना है, "हम  प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग है. जैसे तैसे अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. बच्चों को पढ़ाना लिखना है. कैसे पढ़ाए-लिखाए. हमारी स्थिति इतनी अच्छी नहीं है. 3 महीने से चक्कर लगा रहे हैं, सुना नहीं जा रहा है. हम परेशान हो गए हैं. आर्थिक स्थिति खराब है फीस तक नहीं दे पा रहे. बच्चों के कल से पेपर शुरू होने है इनकी फीस देनी है कैसे दें. सरकार से यही कहना है कि पेंशन और जो बनता है वह दिया जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई के लिए थोड़ी सहायता मिले."


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