अजीत सिंह/लखनऊ:  यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर एक रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को भेजी गई है. इस रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि चुनाव में सीटों को लेकर बीजेपी की जीत-हार के समीकरण क्या थे. इसमें बहुत सारे चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं. बताया गया कि बसपा के वोटों के स्थानांतरण से बीजेपी को मदद मिली, वहीं सहयोगी दल समर्थन हस्तांतरित करने में विफल रहे.


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मुस्लिम ध्रुवीकरण बनी इसकी वजह
रिपोर्ट में यह बात लिखी गई है कि बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी का वोट बीजेपी प्रत्याशियों के पक्ष में ट्रांसफर नहीं हो पाया, जबकि जहां सहयोगी दलों के प्रत्याशियों को बीजेपी वोटर्स ने वोट किया है. वहीं, यह भी कहा गया कि जो पिछड़ी बिरादरियां बीजेपी को वोट करती थीं, वह भी पार्टी के पक्ष में इसबार नहीं दिखीं. इतना ही नहीं, मुस्लिम समाज का पोलराइजेशन बीजेपी के अगेन्स्ट गया है.


ये हैं प्राथमिक कारण
ऐसे में जो विस्तृत रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजी गई है, उसमें 'बसपा से वोटों का स्थानांतरण' और 'फ्लोटिंग वोट' को प्राथमिक कारण बताया गया है. इससे पार्टी को चुनाव जीतने में मदद मिली है. इसमें यह भी कहा गया है कि ओबीसी वोट दूर जा रहे हैं और सहयोगी दलों के वोट भाजपा को स्थानांतरित नहीं होने के कारण इसकी संख्या में गिरावट आई है, जबकि बीजेपी ने ई-कैप को रीकैप कर दिया.


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इस वजह से भेजी गई रिपोर्ट
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, यह रिपोर्ट करीब 80 पेज की है और प्रधानमंत्री कार्यालय से एक सवाल के जवाब में भेजी गई है. इसमें उन कारकों का विवरण दिया गया है, जिन्होंने भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी को 273 सीटें जीतने में मदद कीं और उन कारणों का विवरण दिया, जिनकी वजह से विपक्ष के लिए किए गए निर्वाचन क्षेत्रों को खो दिया, निष्कर्षों को चरण-वार तोड़ दिया.


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