अरविंद शर्मा मूलत मऊ के रानीपुर विकासखंड के काझा गांव निवासी हैं. वे पिछले वर्ष 2020 में आईएएस की नौकरी से वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखे थे...
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वेद नारायण मिश्रा/मऊ: यूपी में योगी कैबिनेट 2.0 की शुरुआत हो गई है. योगी आदित्यनाथ ने सीएम पद की शपथ ले ली है. योगी आदित्यनाथ के साथ दो डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य समेत 52 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. इस बार कई नए चेहरों को योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी नौकरशाह रहे अरविंद कुमार शर्मा को भी जगह मिली है. अरविंद कुमार शर्मा के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेते ही मऊ जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है. अरविंद शर्मा के मंत्री बनते ही यहां के लोगों को की उम्मीदें काफी बढ़ गई है.
2020 में नौकरी से लिए थे वीआरएस
अरविंद शर्मा मूलत मऊ के रानीपुर विकासखंड के काझा गांव निवासी हैं. वे पिछले वर्ष 2020 में आईएएस की नौकरी से वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखे थे और कुछ दिन बाद ही उन्हें उत्तर प्रदेश में विधान परिषद सदस्य के रूप में टिकट दिया गया, जिस पर वह विधान परिषद सदस्य के रूप में सदन में प्रवेश किए.उनके विधान परिषद सदस्य बनते ही योगी सरकार के पिछले ही मंत्री काल में उनका मंत्री या तो डिप्टी सीएम बनने की चर्चा काफी होती रही लेकिन वह महज अफवाह ही साबित हुआ.
पीएम मोदी के हैं करीबी
एके शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भी कार्य कर चुके हैं. उन्हें प्रधानमंत्री का काफी करीबी माना जाता है. पश्चिम यूपी में अरविंद शर्मा को 2022 के चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी जिसमें वह अपनी जिम्मेदारी पर खरे उतरे. इसके अलावा कोविड काल के दौरान प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में भी उन्होंने कई जिम्मेदारियां संभाल रखी थी. कोरोना काल में अरविन्द शर्मा के कार्यों की काफी प्रशंसा की जा रही थी.
बता दें कि अरविंद कुमार शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के IAS हैं. वह पीएम मोदी के साथ तब से काम कर रहे थे जब मोदी गुजरात के सीएम थे. 2001 से लेकर 2013 तक उन्होंने पीएम मोदी के साथ गुजरात में काम किया. इसके बाद जब मोदी पीएम बने तो अरविंद कुमार शर्मा को भी पीएमओ लेकर आ गए. 2014 में वह पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव रहे और बाद में प्रमोशन मिला तो सचिव बन गए.
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