UP के मुख्य सचिव की दौड़ में कई दिग्गज IAS, खत्म हो रहा दुर्गा शंकर मिश्र का कार्यकाल
UP के मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार देने की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं.
लखनऊ : यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र अपने पद पर बने रहेंगे या कोई नया अफसर आएगा, इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है. यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का 31 दिसंबर को कार्यकाल खत्म हो रहा है. दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार न मिलने और किसी दूसरे अफसर पर सहमति न बनने की स्थिति में किसी अफसर को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किया जा सकता है.
अभी तक सेवा विस्तार पर कोई सहमति नहीं
बताया गया कि मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के सेवा विस्तार के लिए अभी तक प्रदेश की सरकार ने केंद्र सरकार को कोई पत्र नहीं लिखा है. बता दें कि आईएएस अफसरों को सेवा विस्तार केंद्र सरकार ही देती है. दुर्गा शंकर मिश्र 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वह पिछले साल दिसंबर में 60 वर्ष के हो गए थे. रिटायरमेंट से पहले ही केंद्र सरकार ने सेवा विस्तार करते हुए दुर्गा शंकर मिश्र को यूपी मूल काडर में भेजा था.
1987 और 1988 बैच के अफसर को मिल सकती है जिम्मेदारी
मौजूदा मुख्य सचिव के सेवा विस्तार न मिलने पर 1985 बैच के आईएएस राजेंद्र कुमार तिवारी यूपी कैडर के सबसे सीनियर अफसर होंगे. वह यूपी के पूर्व मुख्य सचिव रह चुके हैं. वर्तमान में वह चेयरमैन, उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्टेशन कॉरपोरेशन के पद पर तैनात हैं. वह साल 2023 में फरवरी में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. ऐसे में दुर्गा शंकर मिश्र के बाद राजेंद्र कुमार तिवारी को जिम्मेदारी सौंपे जाने की उम्मीद कम है. वहीं, 1986 बैच का अब कोई अफसर नहीं बचा है. अब सरकार 1987 या 1988 बैच के किसी अफसर को मुख्य सचिव बना सकती है.
मनोज कुमार सिंह के नामों की चर्चा सबसे ज्यादा
वहीं, अगर बात करें 1987 बैच के अफसरों की तो यूपी में तैनात अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता सबसे सीनियर हैं. कुछ दिन पहले ही उन्हें राजभवन से जोड़ा गया. महेश कुमार को अभी रिटायरमेंट में करीब डेढ़ साल का समय है. मुख्य सचिव की दौड़ में सबसे ज्यादा जिस नाम को लेकर चर्चा हो रही है वह हैं कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह का. हालांकि वह 1988 बैच के अफसर हैं.
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