लखनऊ: यूपी में योगी सरकार पार्ट-2 के गठन की तैयारी शुरू हो गई है. इसी क्रम में हारे हुए विधायकों और मंत्रियों से सरकारी बंगला खाली कराए जाने की कवायद शुरू हो गई है. इसकी शुरुआत स्‍वामी प्रसाद मौर्य के बंगले से हो गई है. यूपी विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को भी सरकारी बंगला छोड़ना पड़ गया है. इसके अलावा नए जीते विधायकों को आवास आवंटन को लेकर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.


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अपने निजी आवास में शिफ्ट हुए स्वामी
स्वामी प्रसाद मौर्य ने राजधानी लखनऊ के कालिदास मार्ग पर स्थित सरकारी बंगला खाली कर दिया है. चुनाव हारने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य अब गोमती नगर स्थित अपने निजी आवास में शिफ्ट हो गए हैं. 


करना पड़ा सरकारी बंगला खाली
गौर हो कि स्‍वामी प्रसाद बतौर मंत्री लखनऊ में कालीदास मार्ग स्थित मंत्रियों के सरकारी आवास में रहते थे. इसी मार्ग पर मुख्‍यमंत्री आवास (5,कालीदास मार्ग) भी है. स्‍वामी, लंबे समय तक मंत्री रहे हैं. सरकारी बंगले में उन्‍होंने कई साल गुजारे. इस बार चुनावों में हार का मुंह देखने के बाद उन्‍हें सरकारी बंगला खाली करना पड़ा.


राजस्‍व विभाग एक्टिव हुआ
राज्य संपत्ति विभाग मंत्रियों और सरकारी आवासों की देखरेख करता है. नियमों के मुताबिक हारने के बाद सरकारी बंगले और सुविधाओं को वापस करना होता है. अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उस पर पेनाल्टी लगती है.


नई सरकार के गठन के साथ ही विधायकों और नए मंत्रियों के आवास को लेकर सम्‍पत्ति राजस्‍व विभाग एक्टिव हो जाता है. इस बार भी इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. चुनाव में हार हुए और जीते विधायकों की सूची के साथ बंगलों के आवंटन से पहले उन्‍हें खाली करा छोटी-मोटी मरम्‍मत कराई जाएगी. विधायकों और मंत्रियों को बंगलों को आवंटित करने से पहले उनको पूरी तरह तैयार किया जाएगा. इसी के तहत हारे हुए विधायकों से आवास खाली कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.


बीजेपी छोड़ सपा में आए थे स्वामी, अपने को कहा था नेवला
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए सपा में आ गए थे. उन्होंने बीजेपी पर दलितों, पिछड़ों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया था. इसके बाद मौर्य ने सपा ज्वाइन कर ली थी. उन्हें पार्टी ने कुशीनगर जिले के फाजिल नगर से टिकट दी गई थी. स्वामी प्रसाद मौर्य 26 हजार वोटों से हार गए थे. रिजल्ट के बाद अब स्वामी काफी ट्रोल किए गए. जब स्वामी ने बीजेपी को छोड़ा तो कहा था कि पार्टी को कहा था कि वह नेवला है और राज्य में आरएसएस और बीजेपी नाम के सांप को खत्म करके ही दम लेंगे.


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