नई दिल्ली : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. योगी आदित्यनाथ को साल 2007 में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा चलाने की मांग को SC ने खारिज कर दिया है. इससे पहले यूपी सरकार ने मई 2017 में इस आधार पर अनुमति से मना कर दिया था कि मुकदमे में सबूत नाकाफी हैं.


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2007 के भड़काऊ भाषण के आरोप में केस चलाने की मांग खारिज


सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका के इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.हाईकोर्ट ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हेट स्पीच केस में मुकदमा चलने के यूपी सरकार के फैसले को सही ठहराया था. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. याचिकाकर्ता परवेज परवाज ने यूपी सरकार के 3 मई 2017 के फैसले को चुनौती दी थी. उन्होंने सवाल उठाया था कि योगी मुख्यमंत्री के तौर पर यूपी सरकार के इस फैसले में शामिल थे, जो कतई सही नहीं ठहराया जा सकता.


हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 फरवरी 2018 को जांच या मुकदमे की अनुमति न देने में कोई प्रक्रियागत खामी न होने की बात कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी.याचिकाकर्ता के वकील फुजैल अय्यूबी ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस सवाल पर ध्यान नहीं दिया,"क्या राज्य एक आपराधिक मामले में प्रस्तावित आरोपी के संबंध में धारा 196 (सीआरपीसी) के तहत आदेश पारित कर सकता है और जो अनुच्छेद 163 के तहत राज्य कार्यपालिका का प्रमुख भी है.


जनवरी 2007 में मुहर्रम के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक संघर्ष में एक युवक राज कुमार की मौत हो गई थी. जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के बावजूद तत्कालीन गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ ने उस इलाके का दौरा किया था. इस दौरान उन पर वहां भीड़ के बीच हेट स्पीच का आरोप लगा था.