अजीत सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और वाराणसी के कमिश्नरी कार्यालय एक ही जगह बनने जा रहे है. इससे आम जनता को बड़ी राहत मिलने वाली है. अब दोनों ही शहरों की जनता को अलग अलग सरकारी भवनों के चक्कर नहीं लगाने होंगे. 


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सीएम ने किया अवलोकन 
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में वाराणसी और गोरखपुर में नए कमिश्नरी और कलेक्ट्रेट भवन को लेकर प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि वाराणसी और गोरखपुर के कमिश्नरी कार्यालयों की पहचान आइकॉनिक बिल्डिंग के तौर पर होनी चाहिए. इसको ध्यान में रखकर दोनों कार्यालयों की डिजाइन बनाएं. दोनों कमिश्नरी के भवनों में स्थानीय संस्कृति की भी झलक दिखाई दे. 


एक साथ दिखेंगे वाराणसी और गोरखपुर कमिश्नरी कार्यालय 
बताया जा रहा है कि जनता की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सभी कार्यालयों को एक जगह पर लाने की सरकार द्वारा प्लैनिंग की जा रही है. एकीकृत कमिश्नरी कार्यालय का उद्देश्य सभी विभागों की मॉनिटरिंग करना होगा. एक छत के नीचे सभी कार्यालयों के होने से जनता को भी भटकना नहीं पड़ेगा. वाराणसी और गोरखपुर कमिश्नरी कार्यालयों को एक मॉडल के तौर पर प्रस्तुत किया जाना है. इससे जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश जाएगा.


कॉन्फ्रेंस हॉल से लेकर जिम तक की रहेगी व्यवस्था
दोनों भवनों का निर्माण ऐसा किया जा रहा है कि दोनों कार्यालय व्यवहारिक लगे. जानकारी के अनुसार गोरखपुर और वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा दोनों एकीकृत कार्यालयों में कॉन्फ्रेंस हॉल, ओपन ऑफिस, क्यूबिकल ऑफिस और स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही इन कार्यालयों में बैंक,जिम,कैफेटेरिया और पार्किंग की भी व्यवस्था रहेगी. कार्यालयों के बन जाने के बाद चरणबद्ध तरीके से गोरखपुर और वाराणसी में सभी कार्यालयों को यहां शिफ्ट किया जाएगा. 


व्यवसाय को भी मिलेगा बढ़ावा 
दोनों शहरों के विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए गए है कि मण्डलीय कार्यालयों में वाणिज्यिक और सरकारी कार्यालयों को अलग-अलग रखें. दोनों ही शहरों में ट्विन बिल्डिंग के निर्माण कार्य में तेजी लाई जा रही है. एक बिल्डिंग में सभी सरकारी कार्यालय, जबकि दूसरे भवन का वाणिज्यिक उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा नया भवन बनने के बाद जो भी कार्यालय खाली रहेंगे उनके शिफ्ट कराए गए कार्यालयों की खाली भूमि को 'मोनेटाइज' कर व्यवसायिक उपयोग में भी लाया जाएगा. 


ट्राफिक जाम से बचने की भी व्यवस्था
इस प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है. वाराणसी में भवन निर्माण और डिजाइन बनाने के लिए आईआईटी बीएचयू का भी सहयोग लिया जा रहा है. अधिवक्ताओं के बैठने के लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है. इसी के साथ भवन में जनता, अधिकारी कर्मचारी और अधिवक्ताओं की गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था का कार्य भी किया जा रहा है. ट्राफिक जैसे हालातों से बचने के लिए एंट्री और एग्जिट की अलग अलग व्यवस्था भी की जा रही है. 


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